दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय पारिजात के फूल ,कहानी बड़ी सुहानी
*कहानी बड़ी सुहानी*
(1) *कहानी*
*अंहकार की सजा*
*एक बहुत ही घना जंगल था। उस जंगल में एक आम और एक पीपल का भी पेड़ था। एक बार मधुमक्खी का झुण्ड उस जंगल में रहने आया, लेकिन उन मधुमक्खी के झुण्ड को रहने के लिए एक घना पेड़ चाहिए था।*
*रानी मधुमक्खी की नजर एक पीपल के पेड़ पर पड़ी तो रानी मधुमक्खी ने पीपल के पेड़ से कहा, हे पीपल भाई, क्या मैं आपके इस घने पेड़ की एक शाखा पर अपने परिवार का छत्ता बना लूं?*
*पीपल को कोई परेशान करे यह पीपल को पसंद नही था। अंहकार के कारण पीपल ने रानी मधुमक्खी से गुस्से में कहा, हटो यहाँ से, जाकर कहीं और अपना छत्ता बनालो। मुझे परेशान मत करो।*
*पीपल की बात सुन कर पास ही खडे आम के पेड़ ने कहा, पीपल भाई बना लेने दो छत्ता। ये तुम्हारी शाखाओं में सुरक्षित रहेंगी।*
*पीपल ने आम से कहा, तुम अपना काम करो, इतनी ही चिन्ता है तो तुम ही अपनी शाखा पर छत्ता बनाने के लिए क्यों नही कह देते!*
*इस बात से आम के पेड़ ने मधुमक्खी रानी से कहा, हे रानी मक्खी, अगर तुम चाहो तो तुम मेरी शाखा पर अपना छत्ता बना लो।*
*इस पर रानी मधुमक्खी ने आम के पेड़ का आभार व्यक्त किया और अपना छत्ता आम के पेड़ पर बना लिया।*
*समय बीतता गया और कुछ दिनो बाद जंगल में कुछ लकडहारे आए उन लोग को आम का पेड़ दिखाई दिया और वे आपस में बात करने लगे कि इस आम के पेड़ को काट कर लकड़िया ले लिया जाये।*
*वे लोग अपने औजार लेकर आम के पेड़ को काटने चले तभी एक व्यक्ति ने ऊपर की और देखा तो उसने दूसरे से कहा, नहीं, इसे मत काटो। इस पेड़ पर तो मधुमक्खी का छत्ता है, कहीं ये उड गई तो हमारा बचना मुश्किल हो जायेगा।*
*उसी समय एक आदमी ने कहा क्यों न हम लोग ये पीपल का पेड़ ही काट लिया जाए इसमें हमें ज्यादा लकड़िया भी मिल जायेगी और हमें कोई खतरा भी नहीं होगा।*
*वे लोग मिल कर पीपल के पेड़ को काटने लगे। पीपल का पेड़ दर्द के कारण जोर-जोर से चिल्लाने लगा,*
*बचाओ-बचाओ-बचाओ….*
*आम को पीपल की चिल्लाने की आवाज आई, तो उसने देखा कि कुछ लोग मिल कर उसे काट रहे हैं।*
*आम के पेड़ ने मधुमक्खी से कहा, हमें पीपल के प्राण बचाने चाहिए….. आम के पेड़ ने मधुमक्खी से पीपल के पेड़ के प्राण बचाने का आग्रह किया तो मधुमक्खी ने उन लोगो पर हमला कर दिया, और वे लोग अपनी जान बचा कर जंगल से भाग गए।*
*पीपल के पेड़ ने मधुमक्खीयो को धन्यवाद दिया और अपने आचरण के लिए क्षमा मांगी।*
*तब मधुमक्खीयो ने कहा, धन्यवाद हमें नहीं, आम के पेड़ को दो जिन्होने आपकी जान बचाई है, क्योंकि हमें तो इन्होंने कहा था कि अगर कोई बुरा करता है तो इसका मतलब यह नही है कि हम भी वैसा ही करे।*
*अब पीपल को अपने किये पर पछतावा हो रहा था और उसका अंहकार भी टूट चुका था। पीपल के पेड़ को उसके अंहकार की सजा भी मिल चुकी थी।*
*शिक्षा :- हमे कभी अंहकार नही करना चाहिए। जितना हो सके, लोगो के काम ही आना चाहिए, जिससे वक्त पड़ने पर तुम भी किसी से मदद मांग सको। जब हम किसी की मदद करेंगे तब ही कोई हमारी भी मदद करेगा।*
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(2) *कहानी*
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*बहुत सुंदर सन्देश*
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*एक चिड़िया ने मधुमक्खी से पूछा-*
*कि तुम इतनी मेहनत से*
*शहद बनाती हो और इंसान*
*आकर उसे चुरा ले जाता है*
*क्या तुम्हें बुरा नहीं लगता...*
*मधुमक्खी ने सुंदर जवाब दिया--*
*इंसान मेरा शहद चुरा सकता है*
*मेरी शहद बनाने की कला नहीं...*
*कोई भी आपका कलेक्शन चुरा सकता है*
*पर आपका टैलेंट नहीं!!*
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*समय और भाग्य दोनों*
*परिवर्तनशील है*
*इसलिए अच्छे में अभिमान*
*और कठिन में चिंता ना करें*
*दोनों बदलेंगे जरूर!!*
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*अच्छा वक्त उसी का होता है...*
*जो किसी का बुरा नहीं सोचते हैं...*
*यह सृष्टि कहती है मत सोच कि तेरा*
*सपना क्यों पूरा नहीं होता*
*हिम्मत वालों का इरादा*
*कभी अधूरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म अच्छे होते हैं*
*उसके*
*जीवन में कभी अंधेरा नहीं होता!!*
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
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Khan
10-Nov-2022 08:29 PM
Achha likha hai aapne
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Sushi saxena
10-Nov-2022 02:23 PM
Nice
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Gunjan Kamal
10-Nov-2022 11:53 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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