30 days festival - ritual competition 10 -Nov-2022 ( 12)कार्निवल, गोवा राज्य का लोकप्रिय त्यौहार
शीर्षक = कार्निवल, गोवा राज्य का लोकप्रिय त्यौहार
गोवा एक ऐसा राज्य जहाँ की ख़ूबसूरती, वहाँ के समुन्दर तट वहाँ पाए जाने वाले बड़े बड़े नारियल के वृक्ष ना की सिर्फ हिन्दुस्तानियों को बल्कि विदेशियों को भी अपनी और आकर्षित करती है
गोवा एक मात्र ऐसा राज्य है , जिस पर पुरतागलियों की हुकूमत थी , बाद में उसे आज़ाद करा कर हिन्दुस्तान में शामिल कर लिया
शायद यही कारण है की वहाँ अन्य त्योहारों के साथ साथ क्रिसमिस, नया साल बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, लेकिन आज हम गोवा के उस त्यौहार के बारे में बात करेंगे जो चार दिन तक चलने वाला एक लोकप्रिय त्यौहार है, जिसे कार्निवल कहते है
आइये जानते है उस त्यौहार से जुड़े रीति रिवाज़ के बारे में
वीवा कार्निवाल गोवा: मुखोटे, मनोरंजन और परेड की मस्ती में खो जाओ
यही मूल मन्त्र है गोवा कार्निवाल को उत्साह से मनाने का। कहते हैं पुर्तगालियों ने सोलहवीं शताब्दी में गोवा में कार्निवाल मनाने की शुरुवात की। वैसे तो गोवा साल में कई कार्निवाल मनाता है, जैसे दिसम्बर में पूरा गोवा क्रिसमस कार्निवाल के रंग में रंग जाता है। वैसे ही फ़रवरी के महीने में गोवा वीवा कार्निवाल मनाता है। इन दिनों ईसाई समुदाय 40 दिन के लिए किसी भी प्रकार के उत्सव से दूर रहता है और इस दौरान मांस मदिरा का भी सेवन नहीं करता है। जब चालीस दिन पूरे होते हैं तो किंग मोमो जिन का सम्बन्ध ग्रीक भगवान मोमोस से बताया जाता है और जिन्हें हास्य का देवता भी कहा जाता है। वह सड़कों पर निकल कर अपनी प्यारी जनता को ख़ुशी मनाने, खाने पीने का फ़रमान सुनाते हैं और इस तरह चार दिन तक चलने वाले वीवा कार्निवाल की शुरुवात पंजिम शहर से होती है
इस कार्निवाल परेड में लोग बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। बड़ी बड़ी झांकियां सजाई जाती हैं। यह उत्सव है लोगों का उनके उत्साह का। छोटे छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों तक के लोग इस कार्निवाल में शिरकत करते हैं।
पूरे शहर को दुल्हन की तरह कार्निवाल के लिए सजाया जाता है। हर सड़क, हर गली, हर चौराहा, हर पार्क रंगीन मुखोटों और झालरों से सज सज जाता है।
इस कार्निवाल में जहां युवा अलग-अलग डांस ग्रुप्स में परेड में नाचते और जोश से भरे दिखाई देते हैं वहीं बड़ी उम्र के लोग अलग अलग रंगों वाले रूपों में सब का मनोरंजन करते हैं।
इस कार्निवाल में कुछ झांकियां पुर्तुगाली संस्कृति की छठा बिखेरती दिखती हैं तो कुछ शुद्ध गोवा की ग्रामीण संस्कृति के दर्शन भी करवाती हैं।
इस कार्निवाल की ख़ासियत यह थी कि अधिकतर झांकियां किसी न किसी सन्देश को फ़ैलाने का काम कर रही थीं। जैसे आतंकवाद से मुक्ति, कैश लैस ट्रांज़ैक्शन, सेव द नेचर, चाइल्ड अब्यूज़ आदि।
यह कार्निवाल दोपहर 3 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलता है। एक के पीछे एक खूबसूरत झांकियां और डान्सर्स सबको बांधे रखते हैं।
पंजिम से शुरू होकर यह कार्निवाल गोवा के विभिन्न गांवों और शहरों से गुज़र कर वापस पंजिम पहुचता है। जहां चौथे दिन प्रसिद्ध रेड व ब्लैक डांस नाईट का आयोजन किया जाता है जिसमे युवा ख़ास काले और लाल रंग के परिधानों में ताल से ताल मिलाते हुए इस उत्सव का ग्रैंड फिनाले मनाते हैं।
वीवा कार्निवाल का एक और मुख्य आकर्षण है गोवा का पारंपरिक खाना। वीवा कार्निवाल के दौरान सैलानियों को गोवा के पारंपरिक सी फ़ूड को चखने का मौक़ा गोवा की स्ट्रीट पर मिलता है।
वीवा कार्निवाल देशी विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। इस आयोजन को सफल बनाने में गोवा की जनता महीना भर पहले से तैयारियों में जुट जाती है वहीं गोवा का लोकल प्रशासन व पर्यटन विभाग आने वाले सैलानियों के लिए आयोजन को बेहतर बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ते। इस आयोजन के ज़रिए गोवा की संस्कृति से नज़दीक से रूबरू होने का मौक़ा मिलता है।
इस त्यौहार के साथ साथ एक अन्य त्यौहार भी वहाँ बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, जिसे गोवा में रहने वाले हिन्दू परिवारों द्वारा मनाया जाता है , जो की दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में मनाई जाने वाली होली की भांति होता है,
किन्तु फर्क इतना है की इसे गोवा में एक अन्य नाम से जाना जाता है लेकिन उसे मनाने का तरीका समान है एक दुसरे पर रंग डाल कर
तो आइये जानते है इस त्यौहार के बारे में
गोवा के निवासी होली को कोंकणी में शिमगो या शिमगोत्सव कहते हैं। वे इस अवसर पर वसंत का स्वागत करने के लिए रंग खेलते हैं। इसके बाद भोजन में तीखी मुर्ग या मटन की करी खाते हैं जिसे शगोटी कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है। गोवा में शिमगोत्सव की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
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30 days festival / रिचुअल प्रतियोगिता हेतु
Gunjan Kamal
18-Nov-2022 08:53 AM
बेहतरीन भाग
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Supriya Pathak
12-Nov-2022 01:07 PM
Bahut khoob
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Zakirhusain Abbas Chougule
10-Nov-2022 10:26 PM
Nice
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