लेखनी प्रतियोगिता -10-Nov-2022 कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
विषय- कार्तिक पूर्णिमा का है महत्व
कार्तिक पूर्णिमा है बड़ा पर्व,
12 पूर्णिमा में है विशेष अर्थ,
पूरे भारत में इसका महत्व।
गंगा नदी में करते स्नान,
सभी श्रद्धालु करते दान,
दीपदान का होता महत्व आज।
जो भी करता आज उपवास,
करता आज बछड़ा दान,
शिवलोक का मिलता स्थान।
कार्तिक पूर्णिमा की कई अवधारणा,
पहला मत्स्य अवतार बताया,
विष्णु जी ने लिया मत्स्य अवतार।
जब आया धरती पर प्रलय,
वेदों की रक्षा के लिए किया रूप धरण,
यह धर्म कहलाया वैष्णव मत।
कार्तिक मास में होता जल में स्थान,
कार्तिक पूर्णिमा को किया मत्स्य अवतार का त्याग,
कार्तिक पूर्णिमा को कहते बैकुंठ धाम।
शैव मत की बात बताते,
कार्तिक पूर्णिमा को मिला नाम,
त्रिपुरारी कहलाए शिव भगवान।
शिवजी रथ पर होकर सवार,
अजय असुर त्रिपुरासुर का किया संघार,
तीनो लोक में फिर से किया धर्म स्थापन।
त्रिपुरारी पूर्णिमा कहलाती कार्तिक पूर्णिमा,
देव दिवाली के रूप में जाना जाता,
चारों तरफ होती दियो की पंक्तियां।
महाभारत काल की कथा सुनाते,
महाभारत में हुई असमय मृत्यु,
पांडवों की देख चिंता श्री कृष्ण ने उपाय सुझाया।
कार्तिक शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक किया विधि विधान,
गढ़मुक्तेश्वर में किया तर्पण और दीपदान,
तब से मनाया जाता गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा।
इस तरह का कार्तिक पूर्णिमा का है महत्व,
कार्तिक पूर्णिमा में जो करता धर्म,
मिलता मोक्ष का स्थल।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
16-Nov-2022 08:23 PM
बहुत ही सुन्दर
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Muskan khan
11-Nov-2022 06:59 PM
Nice 👌
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Punam verma
11-Nov-2022 08:30 AM
Very nice
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