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30 days festival - ritual competition 11 -Nov-2022 ( 12)नवरात्री , गुजरात राज्य का लोकप्रिय त्यौहार




शीर्षक = नवरात्री, गुजरात का लोकप्रिय त्यौहार



गुजरात भारत के समृद्ध राज्यों में से एक है ,1 मई 1960 को गुजरात की स्थापना हुयी जब से गुजरात की राजधानी गाँधी नगर है।


गुजरात की भूमि पर हिंदुस्तान के बहुत से महापुरुषों ने जन्म लिया था  जिनमे महात्मा गाँधी , सरदार बल्लभ भाई पटेल ( लोह पुरुष ) अन्तरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई , बिजनसमेन धीरूभाई अम्बानी , उद्योगपति जमेशद जी टाटा आदि प्रमुख है



इसी के साथ साथ  गुजरात के खाने से लेकर पहनावे तक सब बहुत प्रसिद्ध है, कहा जाता है की गुजरात के लोग बहुत  मीठे स्वभाव के होते है, शायद  इसकी वजह उनके खानो में मिली मिठास हो सकती है



हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा चीनी की खपत गुजरात राज्य में होती है।



इसी के साथ साथ गुजरात का इतिहास 2000 साल पुराना माना जाता है, क्यूंकि ये हिन्दू और जैन समाज के लोगो की आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है


कृष्ण भगवान और सुदामा की मित्रता के बारे में हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से वर्णन किया गया है। भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि द्वारिका है और सुदामा की जन्म भूमि पोरबंदर है। यह दोनों शहर गुजरात राज्य की सीमा में आते हैं।



इसी के साथ साथ ऋग्वेद के अनुसार कुल बारह ज्योतिर्लिंगो में से पहला ज्योतिर्लिंग “सोमनाथ” है जो कि गुजरात राज्य के वेरावल शहर के पास स्थित है।


गुजरात राज्य के भावनगर और पालिताणा शहर में कुल मिला कर 900 जैन देरासर हैं, यह एक उंचतम रेकॉर्ड संख्या है।


गुजरात में, हिंदुस्तान के उत्तरी इलाकों में मनाये जाने वाले त्यौहार जिसमे दिवाली, दशहरा, ईद, होली, जन्मआष्ट्मी इत्यादि बड़ी धूम धाम से मनाये जाते है 


इन सब के बावजूद एक ऐसा त्यौहार जो गुजरात को एक अलग पहचान दिलाता है , जिसकी तैयारिया बहुत पहले से गुज़रातियों द्वारा की जाने लगती है



वो त्यौहार कोई और नहीं बल्कि हमारे उत्तरी राज्यों में मनाया जाने वाला नवरात्री का ही त्यौहार है , लेकिन गुजरात में उसकी धूम धाम कुछ अलग ही होती है 


एक अलग ही रौनक सी लगने लगती है, नवरात्री के दिनों में गुजरात में, महिलाये और पुरुष बहुत दिन पहले से ही गरबा और डांडिया की तैयारिया शुरू कर देते है  जो की वहाँ का लोक प्रिय नृत्य है


त्यौहार का मज़ा ही तब आता है , ज़ब उसके आने की तैयारिया हफ्तों पहले से ही होने लगे, तब ही त्यौहार का मज़ा अच्छे से आता है


ऐसा ही कुछ गुजरात में भी देखने को मिलता है , नवरात्री के उत्सव पर


हिंदू फेस्टिवल बिना नवरात्रि के अधूरा है। वैसे तो इसे उत्तर भारत के ज्यादातर जगहों पर मनाया जाता है लेकिन गुजरात में इसकी अलग ही धूम देखने को मिलती है। यहां इस उत्सव को डांडिया और गरबा के रूप में मनाया जाता है जो पूरे दुनियाभर में मशहूर है। इस उत्सव की खासियत का अंदाजा आपको इसमें शामिल होने के बाद ही लगेगा। वसंत और शरद ऋतु की शुरूआत देवी दुर्गा के पूजन के लिए बहुत ही खास होता है। नौ दिनों तक मनाए वाले इस उत्सव में देवी दुर्गा के हर एक रूप की पूजा होती है। नौ रातों को तीन भागों में बांटा गया है। पहले तीन दिन मां दुर्गा को पूजा जाता है। उसके अगले तीन दिनों तक मां लक्ष्मी और अंत के तीन दिन मां सरस्वती की पूजा होती है। दसवें दिन विजया दशमी का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

गुजरात के लोग गरबा द्वारा मां को प्रसन्न करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा को गरबा बहुत प्रिय है। मां दुर्गा की आरती के बाद शुरू होता है नवरात्रि उत्सव। नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी का घड़ा स्थापित किया जाता है जिसमें एक चांदी का सिक्का और दीपक रखा जाता है। गरबा और डांडिया दो अलग-अलग चीज़ हैं। जहां गरबा मां दुर्गा तो वहीं डांडिया कृष्ण और गोपियों को समर्पित है। गुजरात में अलग-अलग जगहों पर अलग प्रकार का गरबा देखने को मिलेगा। राजकोट में शेरी तो बड़ोदा का विशाल गरबा बहुत चर्चित है।

इन जगहों पर देखने को मिलती है नवरात्रि की अलग धूम

कच्छ में आशापुरा माता के मुख्य मंदिर 'माता-नो-मढ़', भावनगर के नज़दीक खोदियार मंदिर और अहमदाबाद-राजकोट नेशनल हाइवे पर चोटिला में चामुंडा मंदिर मशहूर हैं जहां नवरात्रि की अलग ही रौनक देखने को मिलती है।

बड़ोदरा की नवरात्रि भी है खास

वैसे तो नवरात्रि गुजरात से लेकर उत्तर भारत के ज्यादातर जगहों पर मनाया जाता है लेकिन वडोदरा को गुजरात का कल्चरल कैपिटल कहा जाता है जिसकी वजह से इस जगह देश-विदेश से आने वाले सैलानियों की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। जो भक्ति से लेकर फिल्मी गानों पर थिरकते हुए नज़र आएंगे।

गुजरात घूमने के लिए ये सीज़न बिल्कुल परफेक्ट है। जब आप यहां की हर एक चीज़ का लुत्फ उठा सकते हैं। 

इसी के साथ साथ मकर संक्रांति पर भी  बहुत धूम धाम देखी जा सकती है , गुजरात में इस पर्व को भी पूरे रीति रिवाज़ के साथ मनाया जाता है, साथ साथ ही बहुत सी जगहों पर पतंग बाजी की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है ।




अगले राज्य के प्रमुख त्यौहार और उनसे जुड़े रीति रिवाज़ के बारे में जानने के लिए जुड़े रहे मेरे साथ 


30 days festival / रिचुअल प्रतियोगिता हेतु

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5 Comments

Gunjan Kamal

18-Nov-2022 08:54 AM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Rafael Swann

14-Nov-2022 11:56 PM

Adwitiya 🌹

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Supriya Pathak

12-Nov-2022 12:56 AM

Bahut khub👌🌸💐

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