*उजाला*
उजाला ही जीवन में हर्ष...
उजाला जीवन चलने का नाम..
नित भोर रवि की किरणों से..
सबके घर आंगन में होता उजाला ...
सकारात्मक की ओर रोज ही हम..
सब करते जीवन दायित्व का निर्वाह..
उजाला हर किसी को है जरूरी..
मानव तो मानव , पशु पक्षियों को भी
भोर में चिड़ियों की चहचहाहट...
मुर्गा बांग देता जन मानस को संदेश..
उजाला हो गया उठो प्राणी तुम..
नित अपना सब कर्म करो तुम..
उजाला से कर्म की प्रधानता बरकरार..
कर्म निष्ठ बनो तुम मनुज ...
करो तुम जग के सारे काज...
उजाला बिना जीना बेकार मनुज..
उजाला से संसार की गतिविधियां..
उजाला संदेश देता जागृति जागरूकता..!!!
आरती तिवारी दिल्ली
Gunjan Kamal
16-Nov-2022 08:12 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Teena yadav
12-Nov-2022 06:14 PM
OSm
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Haaya meer
12-Nov-2022 05:44 PM
Amazing
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