Kalpna Chouhan

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ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 38"

इवान :- उस टैटू मे केवल A नहीं *AV* लिखा हुआ था, A मतलब अनु और V मतलब व.... विकास, ओर बिल्कुल वैसा ही टैटू विकास के हाथ में भी बना हुआ है


राहुल ( हैरानी से ) :- क्या..................

इवान :- यही सच है राहुल, किआरा ने मुझे कल कितना समझाने की कोशिश की की वो गलत नहीं है लेकिन मैने उसकी एक ना सुनी उल्टा उस पर ये आरोप लगा दिया की वो अनु से जलती है, ओर अब वो मेरी ज़िंदगी में अनु की जगह लेना चाहती है, मैने उसे जाने क्या क्या नहीं कहा, कैसे फेस करूंगा मै उसे राहुल😭 
वो हर पल मुझसे कहती रही की उसे विकास से पॉजिटिव वाइव्स नहीं आती उसमे कोई गड़बड़ है लेकिन फिर भी मेने कभी यकीन नहीं किया, किआरा पर विस्वास ना करने का दंड मिलना था तो मुझे मिलना चाहिए था उसे क्यू मिला, मेरे कारण आज उसकी ये हालत थी, पता नहीं और क्या क्या छीनूंगा मै उससे और प्यार दर्द कितनी तकलीफ झेलनी होगी कितना सहना होगा उसे मेरे कारण 😓😭

राहुल इवान को समझाता रहा लेकिन उसने इवान की आखिरी बात पर ध्यान नहीं दिया, कुछ देर और युही बात करने के बाद इवान राहुल के केबिन से वापस किआरा के वॉर्ड मे आ गया जहा किआरा अभी भी सो रही थी, वो वही पास रखे सोफे पर बैठ एक टक किआरा को देखने फिर, 2 रातो से जागने के कारण थोड़ी देर बाद इवान की आँखे नींद से बोझिल होने लगी और युही सोफे पर बैठे बैठे उसे भी नींद आ गई


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वही दूसरी तरफ देर रात बिदाई के कारण सभी लगभग 4 बजे घर पहुचे थे क्युकी मैर्रिज गार्डन से घर आने मे उन्हे लगभग 2 घंटे लग गये थे, घर आकर गौरी जी ने दर्श और आध्या का ग्रह प्रवेश करवाया फिर उनकी सभी रश्मे करवाई गई, ओर फिर आध्या को आराम करने के लिए तन्वी के साथ उसके रूम मे भेज दिया गया, दर्श भी अपने रूम मे जाकर सो गया, शाम को सब उठे ओर फिर मुँह दिखाई की रश्म हुई, तन्वी आध्या को दर्श के रूम मे बैठा कर चली गई थी, कुछ देर बाद रूम मे दर्श आया, दोनो अपने प्यार की मज़िल मिलने पर खुश थे, दोनो ने अपना एक नया खुशियों का जहाँ बना लिया था और सातो जनम के लिए एक दूसरे के हो चुके थे 
अगले दिन सभी उठे, आध्या की पहली रसोई की रश्म हुई जिसमे सभी ने उसे नेक दिया था, दिलीप जी थोड़े परेशान दिखाई दे रहे थे, वो कबसे किआरा को और उसके ससुराल वालों को फोन कर रहे थे लेकिन कोई भी फोन नहीं उठा रहा था, उन्होंने घर के नंबर पशर एक बार और ट्राय किया तो आरव ने फोन उठाया और उसने उन्हे सब बता दिया, वो दौड़े दौड़े बिना किसी को कुछ भी कहे हॉस्पिटल निकल गये थे 
अगले दिन जब दिलीप जी घर वापस आये तब सभी व्यस्त थे अपने कामो मे तो किसी ने ध्यान नहीं दिया उनकी हालत पर लेकिन दर्श जो हॉल मे बैठा कबसे अपने पापा को देख रहा था वो उनका ऐसा हाल जैसे बिखरे बाल, लाल आँखे जो रोने के कारण हो गई थी, कपड़े भी ठीक नहीं थे, वो तुरंत उठकर अपने पापा के पास गया और बोला

दर्श :- पापा क्या हुआ आपको, आप इतनी सुबह कहा से आ रहे है, और अपने अपनी ये कैसी हालत बना रखी है

दिलीप जी अपने आपको थोड़ा संभाले हुए थे लेकिन दर्श के पूछने पर वो उसके गले लग रोने लगे और बोले

दिलीप जी :- बेटा वो वो किआरा

दर्श ( घबराकर ):- क्या हुआ किआरा दी को पापा प्लीज कुछ तो कहिये मेरा दिल बैठा जा रहा है, वो आज आई भी नहीं उन्होंने कहा था की आज वो आएगी लेकिन नहीं आई मै कबसे उनका इंतज़ार कर रहा हु

दिलीप जी को ऐसे देख तन्वी आध्या और गौरी जी भी वही हॉल मे आ गई थी, दर्श ने दिलीप जी सोफे पर बैठाकर पानी देते हुए बोला

दर्श :- पापा पहले आप शांत हो जाइये और पानी पीजिये, फिर बताइये की क्या हुआ किआरा दी को, और कहा है वो

दिलीप जी ने पानी पिया फिर खुदको शांत करते हुए बोले

दिलीप जी :- बेटा किआरा अभी हॉस्पिटल मे है, उसको गोली लगी है, लेकिन घबराने वाली कोई बात नहीं है अब वो ठीक है और उसे होश भी आ गया है 

दिलीप जी की बात सुनकर सब हैरान हो गये, दर्श जल्दी से दिलीप जी के पेरो मे बैठ गया और रोते हुए बोला 

दर्श :- पापा दी.... दी हॉस्पिटल, मतलब उनको गोली कैसे लगी 

दिलीप जी :- हा बेटा किआरा हॉस्पिटल मे है, मुझे ज्यादा नहीं पता की उसे गोली कैसे लगी, लेकिन अब वो ठीक है 

दर्श दिलीप जी की बात सुनकर उठकर जाने लगा तो दिलीप जी दर्श को रोकते हुए 

दिलीप जी :- कहा जा रहे हो दर्श बेटा

दर्श :- पापा मै दी के पास उनसे मिलने जा रहा हु 

आध्या और तन्वी :- हम भी चलेंगे 

दिलीप जी :- बेटा अभी किआरा सो रही है, थोड़ी देर से चलते है 

सभी ने दिलीप जी की बात मान ली और वही बैठ गये, दिलीप जी को दर्श ने जबरदस्ती रूम मे भेज दिया आराम करने के लिए, सभी किआरा के लिए चिंतित थे एक इंसान को छोड़कर, और वो इंसान गौरी जी थी जो मन ही मन किआरा के ठीक होने पर कुड़ रही थी


12 बजे तक किआरा को फिरसे होश आ गया था तो सब उससे मिलने चले गये, किआरा बारी बारी सबसे मिली वन्या और उत्कर्ष को सुमित्रा जी अपने साथ लाई थी, किआरा ने दोनो को खिलाया और उन्हे लोरी गा कर सुला दिया था, सबके रूम से जाने के बाद रूम मे अब किआरा इवान वन्या और उत्कर्ष थे, जिसमे वन्या और उत्कर्ष सो रहे थे 

इवान ने नोटिस किया था की जबसे किआरा को दोबारा होश आया है तबसे उसने इवान से कोई बात नहीं की थी और ना ही उसकी तरफ देखा था, वो समझ गया था की किआरा उससे नाराज है, और नाराजगी भी जायज है क्युकी इवान ने उसपर बिना सोचे समझे कितने इलज़ाम लगाए थे, इस बात की परवाह किये बिना की उन इलज़ामो का किआरा पर क्या असर हुआ होगा 
इवान सबके जाने के बाद किआरा के पास आया तो किआरा ने अपनी आँखे बंद करली तो इवान ने किआरा का हाथ अपने हाथ मे लेकर बोला 

इवान :- जानता हु नाराज हो तुम मुझसे, और ये नाराजगी भी सही है, क्युकी मेने बिना सोचे समझे तुमपर इलज़ाम लगा दिये, तुम्हारी बातो पर यकीन ना करने की यही सजा है मेरी, लेकिन आय एम रियली सॉरी किआरा

इतना बोलकर इवान बार्ड से बाहर चला गया, दरवाजे की आवाज सुन किआरा ने अपनी आँखे खोली जो की नम थी !



To be continued......................

थैंक्यू सो मच आप सभी को मेरी स्टोरी पढ़ने के लिए। 
इसी तरह आप सब मेरी स्टोरी पढ़ते रहिये और कमेंट के साथ स्टीकर्स भी जरूर दीजियेगा ।

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11 Comments

Radhika

02-Mar-2023 09:28 PM

Nice

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shahil khan

01-Mar-2023 07:27 PM

nice

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Gunjan Kamal

16-Nov-2022 08:00 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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