शायरी
दर्द है यह मोहब्बत का.
कोई सफर ए आखिरी नहीं है.
चलेगा तेरा नाम साथ मेरे.
यह अल्फाज कोई कागज़ी नहीं है...
ठहरना है तन्हाइयों में,.
गम के अंधेरों से उभरना है..
दिल की लगी है यह,
बिना आग के ज़लना है..
दर्द है यह मोहब्बत का.
कोई सफर ए आखिरी नही है...
चलेगा तेरा नाम साथ मेरे,,
ये अल्फाज़ कोई कागज़ी नही है.
तुझे खबर भी नहीं करनी है..
तेरा ख्याल ही करना है
यह मोहब्बत का फलसफा मुझे अकेले ही पढ़ना है...
दर्द देती थी मेरी मौजूदगी तुझको..
अब मौजूदगी तुझको ही रखना है..
फ़िज़ा तन्वी.. ✍️
Miss Lipsa
01-Sep-2021 08:50 PM
Wow
Reply
ऋषभ दिव्येन्द्र
31-Aug-2021 12:59 PM
बहुत अच्छे 👌👌
Reply
Niraj Pandey
31-Aug-2021 11:12 AM
वाह
Reply