Fiza Tanvi

Add To collaction

शायरी

किस्मत का लिखा कौन मिटा पाया है.. 

टूट गया है रिश्ता कौन बचा पाया है.. 

चाहते है हम जहाँ अपनी मंज़िल बनाना,, 

मुकद्दर वहा अपना रास्ता कहा बना पाया है. 





गुनहगार हु मे अपनों की नज़रो मे,, 

क्योकि,, 

मैंने इश्क़ करने की हिमाकत की है.. 

लौटा कर जवानी ज़ुलेखा की,, 

मेरे रब ने भी तो,,, 

ईमान ए  मोहब्बत की हिफाज़त की है.. 



ज़िन्दगी हसीन लम्हे ज़रूर दोहरायेगी 

आपको किसी मोड़ पर हमारी याद ज़रूर आएगी. 

किस्मत आपका तब,, 

साथ निभाएगी,,, 

जब बहुत देर हो जाएगी.... 




चटके हुए आईने मे चेहरे बदल जाया करते है. 

चमकते  हुए चेहरे पे अक्सर इंसान खुदगर्ज़ हो जाया करते है.. 

मंज़िल लम्बी हो तो,, 

मुस्कुराते हुए चलते रहने... 

अगर राह ए लम्बी हो जायेगा... 

तो अक्सर फैसले बदल जाया करते है.. 




अपने ही आप से रूठी हु मे. 

काच के आईने सी टूटी हु मे.. 

किसी और के लिए अपना प्यार कुर्बान कर दिया 

और दुनिया कहती है.. 

झूठी हु मै... 




मिल जायेंगे अक्स मगर हम नही मिलेंगे.. 

भरी हुई किताब मै भी तुम्हे लफज़ नही मिलेंगे.. 

खाली होगा भी अगर दिल का कोई कोना. 

तो उसमे जिंदगी के रंग नही मिलेंगे.. 



     फ़िज़ा तन्वी

   6
1 Comments

Miss Lipsa

01-Sep-2021 08:50 PM

Wow

Reply