मेरा बचपन
मेरा बचपन मुझ को दो ,
मेरा चाहे जो कुछ ले लो।
1-
कहाँ गयी मेरी अठ्खेली।
मुझे छोड़कर यहाँ अकेली।
मेरे साथी मेरे सपने ।
छूट गये क्यों मेरे अपने ।
आकर मेरे संग में खेलो।
मेरा चाहे जो जो भी ले लो।
2-
वह सपनों की सुन्दर दुनियाँ ।
राजू काजू बाबू मुनियां ।
उन्हीं से रूठना उन्हें मनाना ।
उन्हीं का खाना उन्हें खिलाना ।
नाज व नखरे उन के झेलो।
मेरा चाहे जो भी ले लो।
3--
चिन्ता ना खाने पीने की।
ना चिन्ता मरने जीने की ।
मेरा सब कुछ मेरा बस्ता ।
उसीसे निकले सारा रस्ता।
छुक छुक रेल मेल को ठेलो ।
मेरा चाहे जो भी ले लो।
4-
काश समय वह फिर आ जाता ।
जीवन की खुशियाँ पा जाता ।
किन्तु समय वह फिर लाऊंगा ।
वही आनंद बच्चों मे पाऊंगा ।।
बच्चे बन बच्चों संग खेलो।
मेरा चाहे जो भी ले लो
विनोदी महाराजपुर
Sachin dev
15-Nov-2022 03:09 PM
Nice 👌
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Gunjan Kamal
15-Nov-2022 10:26 AM
शानदार
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Raziya bano
15-Nov-2022 05:06 AM
Nice
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