Champa rautela

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कविता

सुनो आसमा, 

सुनो आसमा से दूर चलो ना, 
ज़मीन को कुछ आजाद करो ना,
बेफिक्री सी कुछ आदतों को, 
चलो फिर से लिखो ना, 

सुनो आसमा, 
आसमा की ओर बढ़ो ना, 
जमीन पर कुछ लकीरें, 
ओर लकीरों में मुझे लिखो ना, 

तुम शब्द,
शब्द में कविता, 
लेखकों की कई मनसा, 
कुछ विश्वास, कुछ खुशी,,

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4 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Ayshu

16-Nov-2022 06:34 AM

Shaandar

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Very nice 👌🌺🌸

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