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लेखनी प्रतियोगिता -19-Nov-2022 स्वैच्छिक

आखरी ख्वाहिश

ख्वाहिश तो होती है बहुत सारी,
जो बना देती है हमारे जीवन को भारी,
जब नहीं होता वो पूरा तो करते हैं हम ज़ारी,
बस लोग के स्वभाव होनी चाहिए अच्छी और प्यारी।

राधा जी थे कृष्ण जी के पुजारी,
किसी की लग जाए हमें उनकी शिआरी,
अगर जब कभी मिले हम कोई हवारी,
रखने का मन नहीं करता किसी का भी उधारी।

चाहे कोई पैसा कमाते है या हो वो भिखारी,
ख्वाहिश पूरी होती है हम सबकी ही,
कोई भेदभाव है इसमें किसी के साथ भी,
क्योंकि इसमें नहीं देखा जाता गरीबी और अमीरी।
लिखित – Miss Writer 

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7 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

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अदिति झा

20-Nov-2022 09:20 PM

शानदार

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Rajeev kumar jha

19-Nov-2022 11:34 PM

बहुत खूब

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