जहर
जहर
कहते है कि सांप का काँटा , पानी भी नहीं मांगता और अगर ज़हर कोबरा का हो तो पल दो पल की कहानी होती है | कुछ साल पहले की बात है छत्तीसगढ़ के मेरुगढ़ का रहने वाला मानसिंह रोजाना की तरह पाने खेत में काम कर रहा था | लेकिन उसे क्या पता था कि उसी खेत में मौत बनकर एक कोबरा वहा घूम रहा था | काम की बेध्यानी में उसका हाथ कोबरा को छु गया और कोबरा ने उसे डंस लिया | डंस कर जाते कोबरा को देखकर मानसिंह को अपनी जिन्दगी दूर जाती दिखाई दी | गाँव वाले मानसिंह को लेकर किसी अस्पताल की ओर ना जाकर उसे पास की कैथा गाँव में बने बिरतिया बाबा के मंदिर Shri Briradhiya Baba Temple की और लेकर चल दिए | लेकिन आप लोग सोच रहे होंगे कि इस विज्ञान के युग में कैसे सर्पदंश वाले व्यक्ति को एक मंदिर में लाया गया ???? मंदिर में कैसे कोई मरता हुआ इंसान ज़हर से बच सकता है ??? कौन है ये बिरतिया बाबा ??? आइये इनकी पुरी कहानी आपको बताये माना जाता कि आज से सौ साल पहले कैथा गाँव में एक किसान रहता था | जिसका नाम बिरतिया था | एक रात बिरतिया के सपने में एक सांप आया और उसने बिरतिया से मदद की गुहार की | सांप ने उसे पास के खेत में आकर उसके गले में फसे हड्डी के टुकड़े को निकालने को कहा | घबराकर बिरतिया सपने से उठ बैठा और उसके कुछ भी समझ नहीं आया | उसके कदम खेत की ओर चल दिए और वहा बिरतिया ने दर्द से तडपते सांप को देखा | बिरतिया ने सांप को दर्दमुक्त कर दिया| और खुश होकर सांप ने बिरतिया को नाग मंदिर बनवाने को कहा जहा बिरतिया के नाम की जय जयकार होगी | कहते कि सब कुछ वैसा ही हुआ और कैथा का ये नाग मंदिर बिरतिया बाबा की जय जयकार से गूंजता है तो ये थी बिरतिया बाबा की कहानी | सर्पदंश से पीड़ित मानसिंह भी इसी आस्था के साथ बिरतिया बाबा के मंदिर में पंहुचा | मानसिंह को मंदिर में लेटाकर पर्दा बंद कर दिया गया | उसके बाद बाहर खड़े लोग बिरतिया बाबा की जय बोलते है | माना जाता कि जयकारा जितना तेज होता है मरीज उतना ही जल्दी ठीक भी हो जाता है |और कुछ ही देर बाद सर्पदंश से पीड़ित स्वस्थ होकर अपने पैरो से मंदिर के बाहर आया | ये सब देखते की गाँव के सभी लोग बिरतिया बाबा की जयकार करने लगे | मित्रो ये ना तो कोई कहानी है और ना ही कोई अन्धविश्वास का पुलिंदा | अगर आप भी अगर उस गाँव में जायेंगे तो आपको पुजारी से यहाँ स्वस्थ होकर जाने वाले लोगो को चिट्टा एक कॉपी में मिल जाएगा | दूर दूर से सांप बिच्छु के कांटे लोग यहा पर आते है और मंदिर की भभूत खाने से वो स्वस्थ हो जाते है | यहा पर एक सलमे 900 से भी ज्यादा ऐसे केस आते है लेकिन एक भी इन्सान की मौत यहा पर दर्ज नहीं है | ना केवल इन्सान बल्कि सांप बिच्छु के काटे जानवरों को भी यहा लाया जाता है यहा तक की इस गाँव के स्थानीय डॉक्टर भी इस चमत्कार को देखकर हैरान हो जाते है | ये कोई देवीय चमत्कार है या मनोविज्ञान का सच |