लेखनी - वरदान
वरदान..
जितना तुमने सब की नजरों से
गिराना चाहा हमें,
उतना ही अपनी नजरों में
उठते चले गए हम,
तुम्हे लगा था कि अकेले,
बिखर जाएंगे हम,
मगर इस अकेलेपन से,
और मजबूत होते चले गए हम,
समझ गए हैं,
अब बहुत अच्छी तरह से,
कि,भगवान की दिया
सबसे अनमोल वरदान है,
मेरी जिंदगी, गिरते बिखरते
इसे बेहतर बना जाएंगे हम।।
प्रियंका वर्मा
19/11/22
अदिति झा
20-Nov-2022 09:01 PM
शानदार
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Raziya bano
20-Nov-2022 11:15 AM
Nice
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Sachin dev
20-Nov-2022 09:10 AM
Nice 👌
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