Kalpna Chouhan

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ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 47"

जब इवान ने किआरा से बोला कि वो उससे एक सवाल पूछना चाहता है तो किआरा उसे इज़ाज़त दे देती है जिसमे इवान बोलता है


इवान ( थोड़ी सकुचाहट से ) :- क्या तुम्हे कभी मुझपर गुस्सा नहीं आया या कभी कोई शिकायत नहीं रही मुझसे ?

किआरा :- केसा गुस्सा और शिकायत इवान जी

इवान :- मेरे कारण तुमसे माँ बनने का सुख छीन गया, तुम्हारी शादी टूट गई थी, तुम्हारे सपने टूट गये होंगे और... और तुम्हे इतना कुछ सहना पड़ा होगा, लोगो के ताने, उनकी कड़वी बाते, जबकी इन सब मे तुम्हारी कोई गलती नहीं थी, गलती तो मेरी थी, मेरे कारण ही तुम्हारे साथ ऐसा हुआ था फिर भी, क्या कभी तुम्हारा मन नहीं किया मुझसे लड़ने का, मुझसे शिकायत करने का की मेरे कारण तुमने इतना कुछ सहा, उस दिन अगर तुमने मुझे बचाया ना होता तो आज तुम एक अच्छी ज़िंदगी जी रही होती जिसमे तुम्हे पति का प्यार भी मिलता और माँ बनने का सुख भी । 
लेकिन मेरे कारण तुम्हारी ज़िंदगी ही बदल गई, जहाँ लड़की के शादी को लेकर कुछ अरमान होते है की शादी के बाद उसका एक परिवार होता उसका पति उसे प्यार करेगा और उसके बच्चे भी होंगे उनकी एक अलग दुनिया होगी जहा सिर्फ वो दोनो होंगे और उनका प्यार होगा वही मेरे पहले ही तुमसे दुनिया का सबसे प्यारा एहसास मातृत्व का एहसास छीन गया और फिर मुझसे शादी के बाद तुम्हे एक ऐसे इंसान के साथ रहना पड़ रहा है जो पहले से ही किसी से प्यार करता है, मुझसे शादी करने के बाद तुमसे पति का प्यार भी छीन गया और दो बच्चों की जिम्मेदारी तुम्हारे ऊपर आ गई

किआरा इवान की बाते सुन भावुक हो गई थी उसे याद आया जब वो हॉस्पिटल मे थी तब उसने एक दिन इवान जब किआरा सो रही थी तब वो अपनी शर्ट चेंज कर रहा था, तभी किआरा की आँख खुल गई थी और उसने इवान की वाह पर एक टैटू देखा था जिसपर त्रिशूल बना हुआ था, किआरा उसे देख हैरान हो गई उसकी मुह से हैरानी से मास्क मैन निकला तो इवान ने उसे पलटकर देखा और फ़ौरन अपनी शर्ट पहन ली और किआरा के पास आया तो किआरा उसकी तरफ देखकर अटकते हुए बोली

किआरा :- आ... आप मास्क... आप मास्क मैन है, जिसकी.....

इवान ( बीच मे ही ) :- हाँ मै ही वही मास्क मैन हु जिसकी जान तुमने दिल्ली हाईवे रोड पर बचाई थी और मुझे बचाने के कारण तुम ट्रक से टकरा गई थी, जिसके कारण तुम्हारे पेट मे एक नुकीली लड़की लग गई थी जो वही रोड पर पड़ी थी ओर... ओर उसके बाद तुम... तुम्हारा यूट्रस निकाल दिया गया था और... और तुम माँ बनने के सुख से बहुत दूर चली गई थी

किआरा इवान की बात सुन उस दिन दुखी भी हुई पर खुश भी हुई थी की उस दिन उसने इवान की जान बचाई थी, उस इवान की जो अब उसकी जान बन चुका था 

किआरा इवान की आवाज से अपनी यादो से बाहर आई और उसकी तरफ देखा तो इवान की आँखे नम थी वो बार बार उसे सॉरी बोल रहा था
किआरा ने इवान के चेहरे से अपना हाथ लगाया और उसकी आँखों मे देखते हुए बोली

किआरा :- इवान जी हमे आपसे कोई शिकायत नहीं है क्युकी हमारा ये मानना है की हमारी लाइफ मे जो भी होता है जब भी होता है वो भगवान की मर्ज़ी से ही होता और हमारे हित के लिए होता है

इवान ( नम आँखों से ) :- तुमसे माँ बनने का सुख छीन गया इसमे तुम्हारा कोनसा हित हुआ किआरा 

किआरा ( नम आँखों से मुस्कुराते हुए ) :- इवान जी कान्हा जी ने मुझसे माँ बनने का सुख जरूर छिना पर फिर भी मुझे वन्या ओर उत्कर्ष जैसे बच्चों की माँ बनने का सुख दिया, अपनी ममता उनपर लुटाने का मौका दिया, मुझे इतना प्यारा परिवार दिया, आप जैसा दोस्त मिला, अगर मेरी शादी उस घर मे होती तो शायद कभी मुझे ये सब ना मिलता और साकेत, वो कभी आप जैसा दोस्त ना बन पाता मेरा, वह अपन ऊपर किसी को नहीं मानता था ती हमारी खुशियों के बारे मे क्यू सोचता, लेकिन आप,,, आप सबसे अलग है इवान जी आपने कभी हमे किसी चीज की कमी नहीं होने दी, हमेशा हमारा ख्याल रखा, हमारे दोस्त बन जब भी हमे साथ की जरूरत हुई आपने हमारा साथ दिया, हमे आपसे कोई शिकायत नहीं है और ना ही कभी होगी, क्युकी हम आपसे प्या..........

कहते कहते किआरा रुक गई तो इवान ने किआरा की तरफ देखा और बोला

इवान :- क्या हुआ किआरा रुक क्यू गई आगे बोलो, मुझसे क्या 

किआरा ( अटकते हुए ) :- क... कुछ नहीं... व... वो हाँ वन्या और उत्कर्ष सो गये है उन्हे ठीक सए सुलाती हूँ

किआरा बच्चों को उठाने लगी की इवान ने उसे रोका और खुद दोनो को अच्छे से सुलाते हुए बोला 

इवान :- किआरा अभी तुम बस आराम करो और अपने हाथ पर जोर पर डालो बरना दर्द होगा, इन दोनो शैतानो को मे सुलाता हु दोनो अब घुटनो के बल चलने लगे है तो दिनभर बेड पर या फिर नीचे छोड़ो तो यहां वहा फुदकते रहते है, अभी इनका ये हाल है तो पता नहीं जब चलने लगेंगे तो कितना दौड़ाएंगे ये दोनो अपने पीछे सबको

इवान बच्चों मे बिजी हो गया तो किआरा ने चैन की सांस ली ओर अपने मन मे सोचने लगी

किआर ( मन मे ) :- थैंक्यू कान्हा जी जो आपने बचा लिया ओर अब वो बात अब इनके दिमाग़ से निकल गई वरना तो जब तक बता नहीं देती पूछते ही रहते, हम भी ना पागल है कभी भी कुछ भी बोल देते है अब से ध्यान रखना पड़ेगा की इनके सामने ऐसा कुछ न बोले वरना पता नहीं कैसे रियेक्ट करेंगे 

वही इवान बच्चों को सुलाते हुए अपने मन मे सोच रहा था 

इवान ( मन मे ) :- क्या जो मेने सुना वो सच है किआरा अभी प्यार बोलने वाली थी क्या, मतलब वो भी मुझसे प्यार करने लगी है क्या, नहीं शायद मेरी गलतफहमी होगी क्युकी वो मुझसे प्यार क्यू करेगी भला, ना मेने उसे कभी कोई खुशी दी ओर ना ही कुछ, मेरे कारण उसे दर्द जरूर मिले है 

इतना सोच इवान की आँखे नम हो गई ओर वो बच्चों को अच्छे से कम्बल से कबर कर बाहर निकल गया ।




कुछ देर बाद पायल जी ने आन्या ओर राहुल को उठाया ओर उनसे तैयार होने को कहा, उन्होंने आन्या का बेग पैक कर दिया था क्युकी अब आन्या राहुल के साथ जाने वाली थी, सभी ने बिदाई की रस्म की तैयारियां शुरु कर दी थी ओर सात बजे तक राहुल आन्या को बिदा कर आपने साथ अपने घर ले गया था ।






To be continued.......................

थैंक्यू सो मच आप सभी को मेरी स्टोरी पढ़ने के लिए। 
इसी तरह आप सब मेरी स्टोरी पढ़ते रहिये और कमेंट भी जरूर दीजियेगा ।

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4 Comments

Radhika

22-Feb-2023 08:49 PM

Nice

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Gunjan Kamal

23-Nov-2022 04:54 PM

बेहतरीन भाग

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