लेखनी कहानी -21-Nov-2022
विषय - परछाई
विधा - कविता
नाम - जुबैर खांन
दुल्हन बनके तेरी परछाई
होके अपने बाबुल से पराई
दुआ करना सभी मुको
आंख क्यों बाबुल भर आई
आपसे खुशकिस्मत मैनें बनाना
आपसे जुड़ना मैंने इज़्ज़त करना
दुआ करो हो मेरी हौसला-अफ़ज़ाई
आंखो से अस्क क्यों बहाता है
हैं अनमोल खज़ाने मेरे
लुटाता हैं क्यों अश्क की कमाई
खुशियों की तुने "ज़ुबैर" बहारों से
मेरे दिल के हर फूल से
तुने डोली सजा डोली सजा
लेखक - ज़ुबैर खाँन........📝
Gunjan Kamal
22-Nov-2022 10:43 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Teena yadav
22-Nov-2022 07:38 PM
Superb 👍
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Varsha_Upadhyay
22-Nov-2022 03:04 PM
Speechless
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