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लेखनी कहानी -21-Nov-2022

मौसम

मौसम ही है जो पल भर में बदल जाता है
बारिश,धूप और सर्दी इसके अनेकों रंग है जनाब
ये मौसम जो अपना मिजाज बदले वक्त के साथ दिखाता है
इंसानी रिश्तों को तरह ये भी गिरगिट बन जाता है
पर अगर मौसम न बदले तो खुदा का रूप बदल जाता है
न समझ हो के रिश्तों में खारापन भर जाता है
यही तो एहसास है जो पल भर में सब को जीना सिखाता है
बदलते मौसम और रिश्तों की तरह वक्त भी बदल जाता है
खुशियों के साथ गमों का मौसम भी पल भर में आ जाता है
कही गमों के बादल तो कही उदासी का आलम बन जाता है
ये मौसम है जनाब कब अपना मिजाज दिखा जाता है

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14 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

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Gunjan Kamal

22-Nov-2022 10:53 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Varsha_Upadhyay

22-Nov-2022 09:19 AM

Bahut sunder shabd hae.

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