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लेखनी कहानी -22-Nov-2022

विषय - पथिक 
विधा - कविता
नाम - ज़ुबैर खांन 
प्रितियोंगिता


जान जानें जानें मन मेरी रहगुज़र
कहीं   मर  न  जाये  ये  सोचकर
तुमसे   होना   हैं   हमें  जुदा

मिल रहें हों अगर तुम मुझसे
तो  प्यार  से  जताना  मुझे 
ऐ-मेरे हमसफ़र दिलरुबा

निभाऊंगा साथ हमेशा तेरा
ये वादा जन्मों जन्मों का मेरा
न होंगे हम तुझसे जुदा

बेवफ़ा हों जाये दुनियां अगर
ऐ- जान  मेरी जानें जिगर
तुम न होना मुझसे बेवफ़ा

मर जायेंगे हम मर जायेंगे
कैसे "ज़ुबैर"जी पायेंगे
हों तुम मुझसे कफ़ा


लेखक - ज़ुबैर खान......📝

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3 Comments

लाजवाब लाजवाब

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Gunjan Kamal

22-Nov-2022 11:27 PM

बहुत ही सुन्दर

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Reena yadav

22-Nov-2022 10:59 PM

Nice

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