Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Nov-2022 गुरु तेग बहादुर

विषय-गुरु तेग बहादुर

गुरु तेग बहादुर थी नवें गुरु,
सिख धर्म के थे अनुयायी,
सिख धर्म के लिए दी बलिदानी।

आस्था विश्वास रहे  कायम,
सर्वोच्च रहे इनका स्थान,
अपने धर्म के लिए दिया बलिदान।

मुगलों का ना अपनाया धर्म,
अडिंग रखा अपना कर्म,
औरंगजेब ने करवा दिया तेग का सिर कलम।

बना उनका शहीदी स्थल,
नाम पड़ा गुरुद्वारा शीशगंज,
आज भी क्या जाता उनको स्मरण।

तेग को कहा जाता हिंद की चादर,
धैर्य वैराग्य और था उनमें त्याग,
गुरु नानक सिद्धांतों का किया प्रचार।

अंधविश्वास की करी आलोचना,
नहीं आदर्शों की करी स्थापना,
जनता में बनी उनकी आस्था।

मानव अधिकार के लिए थी पहली शहादत,
इसलिए नाम पड़ा हिंदी की चादर,
आज भी किया जाता तेग को याद।

औरंगजेब ने रखी अपनी शर्त,
छोड़ दे तू तेरा धर्म,
इस्लाम को कर तू कबूल।

नहीं था तेग को मंजूर,
14 नवंबर 1675 को कर दिया सर कलम,
तब से बनाया जाता गुरु तेग बहादुर दिवस।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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5 Comments

Haaya meer

25-Nov-2022 07:33 PM

Superb

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Muskan khan

25-Nov-2022 04:27 PM

OSm

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Sachin dev

25-Nov-2022 04:11 PM

Amazing

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