Amar Singh Rai

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लेखनी प्रतियोगिता -25-Nov-2022

   प्रतियोगिता हेतु रचना, विषय - पर्यावरण संरक्षण 
                 दिनांक 25/11/२०२२

              "खतरे में है सोन चिरैया"

पक्षी सबसे सुंदर रचना,  आकर्षक हर प्राणी में।
पेड़ों पर रह करें बसेरा, जल-थल या फिर झाड़ी में।

कीटनाशक युक्त बीज, जब किसान उपयोग करें।
यही बीज फिर चुगें पखेरू, और वो बेमौत मरें।

बढ़ते शहरीकरण कारण, काटें तरु होती बर्बादी।
नीड सुरक्षित न रहने से, होती जाती  न्यूनावादी।

विलुप्त होते जाते 'पक्षी', कम होती जाती गौरैया।
नीलकंठ, गिद्ध व उल्लू, खतरे में है सोन चिरैया।

चम्मच जैसी चोंच टिटहरी, नहीं दिखे श्वेत बगला।
न दिखते बटेर व तीतर, समय दिख रहा है बदला।

पर्यावरण को रखें संतुलित,  पेड़-पौधे, पशु-पक्षी।
इनसे ही है प्रकृति संतुलित, करें सफाई ये अच्छी।

वायु जल व मृदा प्रदूषण, पर्यावरण प्रभावित करते।
तापीय प्रदूषण के कारण, खग कई बिन पानी मरते।

ग्रीष्मकाल है प्राण घातक, कम बचता भू पर पानी।
पानी भर के छत में रख्खो, जिससे बचे जिन्दगानी।
                                  
मौलिक रचना-
                             अमर सिंह राय
                            नौगांव,मध्यप्रदेश


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5 Comments

Punam verma

26-Nov-2022 08:44 AM

Very nice

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Abhinav ji

26-Nov-2022 07:47 AM

Very nice👍

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Haaya meer

25-Nov-2022 07:37 PM

Osm

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