Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय लगी लगन

लगी है मां लगन तुमसे ,हृदय मे मेरे आ जाना ।
हृदय झंकृत करो मेरा ,कृपा के फूल बरसाना। 

तेरे दरपे खड़ी हूं मां,मेरी विनती को सुन लेना
बुलाये भक्त जब तुमको,तो दर्शन मातु देजाना। 

तेरे दर पे जो भी आए,बो खाली हाथ न जाए।
यही विनती मेरी तुमसे,सदा माता निभा जाना। 

फसी मझधार में नैया ,तेरे  बिन  कोई न मैया।
लगाना पार आकरके,आज विनती निभा जाना। 

कभी दुख राधे मां मुझको सताए  नाम न भूलूं 
बहाना प्यार की सरिता,मुझे फिर आजमाना ना। 

लगी है मां लगन तुमसे,हृदय में मेरे आ जाना।
हृदय झंकृत करो मेरा ,कृपा के फूल बरसाना । 

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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3 Comments

Khan

28-Nov-2022 09:38 PM

Very nice 👌🌺💐

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Gunjan Kamal

28-Nov-2022 07:11 PM

बहुत खूब

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