लेखनी प्रतियोगिता -28-Nov-2022 अब तो जागो भारत की बेटी
विषय- मन की आवाज
शीर्षक- जाग जाओ भारत की बेटियां
रो रहा है आज संसार,
कांप पर आया है हर इंसान,
रो रहा होगा आसमान,
शर्मसार हुआ आज इंसान,
विश्वास के टुकड़े किये हजार।
फिर मासूम चढ़ी बलि आज,
कसूर था इतना किया उससे प्यार,
उतार दिया उसे मौत के घाट,
वो इंसान नहीं है वो है हैवान।
35 टुकड़ों में किया शरीर का भाग,
फ्रिज में रख दिए उसके पार्ट
एक बार भी ना आया ख्याल,
एक एक कर के टुकड़े फेंके हर स्थान।
यह प्यार था लव जिहाद,
क्यों करती है अनजान पर विश्वास,
मां-बाप के साथ करती विश्वासघात,
छलनी करती मर्यादा संस्कार।
अनजान व्यक्ति से बनाती रिश्ता,
जो होते अपने कर देती उनको पराया,
प्यार में होता है अंधविश्वास,
मोह माया का लालच चढ़ा परवान।
भाग जाती अपने प्रेमी के साथ।
अब तो हटाओ आंखों से पट्टी,
श्रद्धा की मृत्यु सब कुछ कहती,
कर देती है सब की सिट्टी पिट्टी गुल,
मां-बाप के बन कर रहो फूल,
जिंदगी को जियो बनकर तुम कूल।
मां बाप की हो रजामंदी,
वही करना तुम शादी,
वही बनाते तुम्हारी जिंदगी,
उनमें ही है तुम्हारी खुशी,
वही बनता सच्चा जीवन साथी।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
05-Dec-2022 07:58 PM
बहुत खूब
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Teena yadav
29-Nov-2022 03:52 PM
Superb 👍
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Abhinav ji
29-Nov-2022 07:57 AM
Very nice👍
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