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लेखनी प्रतियोगिता -29-Nov-2022 आईना

                        शीर्षक:- आईना

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              रिया ने देखा कि उसकी सास कुछ परेशान दिखाई देरही ही उसने सोचा शायद मम्मीजी का ब्लड  प्रैशर लो होगया होगा इसलिए परेशान लग रही है। 

  रिया ने सरसौ का तेल गर्म किया और उनके पैरों के तलवौ की मालिश करने लगी। जब सुमित्रा ने देखा कि बहू उसके पैरों की मालिश कर रही  है तब वह पूछते हुए बोली," बहू मैने तुझसे मालिश करने के लिए कब कहा था और मुझे हुआ क्या है जो तू सब काम छोड़कर मेरी सेवा में लग गयी। क्या आज कोई काम नही हैं? यदि काम नहीं है तो कुछ देर आराम करले मालूम है तू कितने बजे की जगी हुई है। "

     अपनी सास की इतनी लम्बी बातें सुनकर रिया हसती हुई बोली," आप मुझे परेशान दिख रही थी मैनें सोचा आपका ब्लड प्रैशर कम होगया होगा इसी लिए मै सरसौ का तेल गर्म करके आपके तलवौ की मालिश करने लगी थी।"

       सुमित्रा सोचने लगी  इस बेटी को मेंने अपनी कोख से जन्म नही दिया परन्तु इसे मालूम होगया कि मैं परेशान हूँ और मेरा ब्लड प्रैशर कम होगया है और एक मेरी स्वयं की बेटी जब आती है तब एक नयी टैन्शन देजाती है उसने कभी तबियत की नहीं पूछी। इसे कैसे बताऊँ यह परेशानी बहू तेरी ननद नन्दिनी की दी हुई है। 

      वह सोचने लगी इसी बताकर सावधान करना ठीक रहेगा।यह सोचकर वह बहू से बोली," बहू असल में बात यह है कि नन्दिनी के सास ससुर की शादी की पच्चीसवी  सालगिरह मनारहे है उसके लिए गिफ्ट के लिए फौन आया था।अब उसे कौन समझाये तेरे घर में सब कुछ है । तेरा भाई व भाभी कितनी मुश्किल से गुजारा कर रहे है ऊपर से मेरी बीमारी के लिए  दवा के लिए खर्चा। "

     रिया बोली," मम्मी जी आप बेकार में परेशान हो मै सब इन्तजाम कर लूँगी । 

    " बहू तू कहाँ से लायेगी फूल सी बच्ची का पेट काटकर ?"

      "मम्मी जी आप चिन्ता को छोड़कर ईश्वर का भजन करो यह हम दोनौ की जिम्मेदारी है।"

     इतना कहकर रिया घर के काम में लग गयी। जब  शादी की सालिग्रह का समय आया तब रिया ने अपने पति रमन से बात करके अपनी अँगूठी तुड़वाकर उसमे कुछ पैसे मिलाकर नन्दिनी के सास ससुर दोनों के लिए अँगूठी बनवादी।

           रिया रमन के साथ उस समारोह में गये और नन्दिनी के सास ससुर को अगूँठी पहनाकर उनका सम्मान किया।यह देखकर नन्दिनी बहुत खुश होगयी क्यौकि इससे नन्दिनी का सम्मान सबसे अधिक हुआ।

      रिया व रमन वहाँ से घर वापिस आगये उसी रात नन्दिनी का फौन आया और बोली  " मम्मी आपका बहुत शुक्रिया  आपने उनके मम्मी पापा के लिए अगूँठी भिजवाकर मेरा सम्मान कितना बढा़ दिया मैं इसका बयान नही करसकती हूँ। यह तो आफ जिन्दा थी जो यह करवा दिया अन्यथा भैया भाभी यह कभी नहीं कर सकते है भाभी तो केवल अपने मायके का ही पक्ष लेती हैं । भैया भाभी की जिद के सामने झुक जाते  हैं।"

 तभी सुमित्रा का गुस्सा सातवे आसमान पर था और वह दहाड़कर बोली," बस नन्दिनी मै इससे आगे कुछ नहीं सुन सकती हूँ मेरे बहू बेटौ के विषय में एक भी शब्द आगे बोला तो समझ लेना मै तुझे माँफ नहीं करूँगी। वेहूदी मुझे तो मालूम ही नही कि वह दोनों क्या देकर आये है मुझे यदि मालूम होजाता तो मै बहू को ऐसा कभी नहीं करने देती तू उस देवी का इतना अपमान कर रही है अब मै उसकी भी खवर लूँगी कि उसने मुझसे सलाह भी नहीं ली। और तू कान खोलकर सुनले आजसे तेरा मेरा  रिश्ता  खत्म मेरे जिन्दा रहते तू मायके में नहीं आसकती  है। " इतना कहकर सुमित्रा ने फौन काट दिया।

    और सुमित्रा ने रिया आवाज दी रिया दरवाजे के पीछे खडी़ अपनी सास का गुस्सा देखरही थी और उनकी ऊँची इवाज सुन रही थी वह सोचरही थी आज मम्मी जी ने दीदी को आईना दिखा दिया। एक तरफ वह खुश थी तब दूसरी तरफ डर रही थी कि हमने ये अगूँठी उनको क्यौ नही दिखाईं।

     रिया अपनी सास के पास जाकर खडी़ होगयी। 

   सुमित्रा पूछती हुई बोली," तो तुम दौनों ने मूझे जो लेकर गये उसे दिखाने की जरूरत नही समझी। इतना पैसा कहाँ से आया ? बता तूने इसके लिए क्या बेचा ?

     रिया  हकलाती हुई बोली ,"  मैने  अपनी अगूँठी तुड़वाकर उसमे कुछ रुपये मिलाकर बनबाई थी। "

    " बाह ! बहू धन्य है तेरी जननी तूने अपने शौक को त्यागकर ननद के सम्मान के लिए इतना बडा़ वलिदान कर दिया  तेरी  ननद  वास्तव में सच ही कहरही है कि भैया भाभी की जिद के सामने झुक जाते है। तूने ही जिद की होगी। यही सच है न।"  सुमित्रा रिया से बोली।

        आज सुमित्रा ने अपनी बेटी को ही आईना दिखा दिया।

आज की दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "



 

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5 Comments

Pratikhya Priyadarshini

30-Nov-2022 09:26 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Abhinav ji

30-Nov-2022 07:38 AM

Very nice👍

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जबरदस्त

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