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जीवनसाथी

🌹जीवन साथी 🌹
शुभ घड़ी आई मेरे आंगन!! 
मंगल कलश भरावाे री! 
आए ये गणराज गजानन!! 
 रिद्धि सिद्धि के संग पधारो रे!!
माता पिता और गुरू जन जन काे!! ****
आशीष बड़ाे रे सुहानाें लागे!! 
लधु  रूद्र पूजन शिव पार्वती !!
बड़ी  बड़ी तपस्या किनी जी!! 
तप काे फल जब पायाे रे!! 
पार्वती मन हरषाई ताे! 
शिव ने  ब्याह रचायाें रे!! 
शुभ घडी आई मेरे आंगन!! 
घर घर बाजे बाज रहे!! 
सब सखियां मिल मंगल गीत गाये रे, ***
मधुर मधुर मन मुसकाये जब शिव ने  ब्याह रचाए रे****
    खुशियों की ये है घड़ी  तुम्हें अपना बनाने लगी **
चाहत की है ये खुशी घड़ीयाें में बदलने लगी **
माला इस और है माला उस और है माला में बदलने लगी ****
खुशीयाें की ताे ये है घड़ी **
मन की आहट ही धड़कन बनी!!! हर कदम वाें नाजाें से पली ***
माँ बाप की कैसी यें खुशी ***
पलकाें से ना आेझल हुई!! 
लाड अपनाें का है बड़ा!! 
आज अपनी पराई हुई!! 
चाहत की हैं ये घडी   तुम्हें अपना बनाने लगी*****
  स्वरचित अनुराधा सांडले खंडवा 🌹🙏🌹
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2 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2022 07:42 PM

बहुत खूब

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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