Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय तेरा दर्द

तेरा दर्द दिल को दुखाता बहुत है|
मुझे याद हरपल तू आता बहुत है| 

तेरी चाह तड़पाती रहती हमेशा,
तेरा प्यार अक्सर लुभाता बहुत है| 

बसी तेरी तस्वीर दिल में हमारे,
जिसे कोई हरदम सजाता बहुत है। 

हमारे लिए आप फूलों की खुशबू,
मगर मेरी नींदे चुराता बहुत है। 

चमक जाए जीवन जो तू साथ देदे,
मेरे साथ चलता निभाता बहुत है। 

मुझे लग रहा,तू है अनमोल हीरा,
मगर ख्वाब में आ सताता बहुत है। 

ये सरिता कन्हैया है तेरी दिवानी,
मेरा दिल तुझे अब मनाता बहुत है। 

सुनीता गुप्ता'सरिता'कानपुर

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3 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2022 07:43 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Mahendra Bhatt

01-Dec-2022 12:16 PM

बहुत खूब

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