लेखनी प्रतियोगिता -02-Dec-2022
ममता की ममतामय मूर्त थी वो
रूप में सलोनी सूरत थी वो
ममता उसकी ऐसी थी जैसे
झरता हो शहद अंबर से
जैसे फूलों से महकी क्यारी हो
डांट से प्यार से वो करती थी
हमारा मार्गदर्शन गलत से सही होने में
आज भी याद आती है वो ममता की फुलवारी
जिसकी माली थी वो ममता ki
Gunjan Kamal
05-Dec-2022 07:13 PM
बहुत खूब
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Punam verma
03-Dec-2022 08:06 AM
Very nice
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Abhinav ji
03-Dec-2022 07:37 AM
Very nice👍
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