Manzar Ansari

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जिंदगी

जिंदगी.....

उलझ सी गई है. लड़ी जिंदगी की.
अच्छी नहीं लगी अब सादगी जिंदगी की.

दुख दुख कर दिल बर्बाद हो गया.
है नहीं हमको अब आशिक़ि जिंदगी की.

लगता है रोक लू खुद ही साँसों कों.
भटकाती है साज़िश जिंदगी की..

प्यार के बदले प्यार कहा..
है बस आफत जिंदगी की..

मुश्किल है अब आहट जिंदगी की.
भटकती है मुझको साज़िश ज़िंदगी की.


मंज़र अंसारी

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3 Comments

Abhinav ji

06-Dec-2022 09:46 AM

Very nice👍👍👍

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Punam verma

06-Dec-2022 06:35 AM

Nice

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Gunjan Kamal

05-Dec-2022 06:45 PM

बहुत खूब

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