Madhu Arora

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धडकन

ख्वाब बन तेरी आंखों में समाए हैं,
हर धड़कन में तेरा नाम गाए हैं।
कैसे कहूं ज़माने को अब मैं बता
सुबह शाम बस तेरा ही ख्वाब आए हैं।
                रचनाकार ✍️
              5.12.2022

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5 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

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Gunjan Kamal

06-Dec-2022 12:56 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Abhinav ji

06-Dec-2022 09:42 AM

Very nice👍

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