Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Dec-2022 पहाड़ों की मेहमान नवाजी

शीर्षक-पहाड़ों की मेहमान नवाजी

देवता होते हैं मेहमान,
करो उनका स्वागत,
प्रेम से करो अभिवादन।

पहाड़ बिछा कर बैठे हैं आंखें,
मेहमानों की ताकते राहे,
देखकर नजारा मेहमान भरते आहे।

जब भी चाहते हम वहां,
मधुर गान का होता शमा,
 ताजा फलों के लेते मजा।

रंग बिरंगी तितलियां,
चिड़ियों का चहचहाना,
देख कर मन हो जाता खुशनुमा।

मन की मिलती वहां शांति,
मेहमानों की होती नवाजी,
देख ऐसा सत्कार लिखते एकांकी।

कान में आता झरने का कल कल,
हवाओं का होता सनन सनन,
मन को कर लेती हरण।

पहाड़ों की देख नवाजी,
पहाड़ की में बन बैठी साथी,
दिल में जाग उठी खुशहाली।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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4 Comments

सुन्दर सृजन

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Punam verma

12-Dec-2022 08:46 AM

Very nice

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Abhinav ji

12-Dec-2022 07:30 AM

Very nice👍

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