Dr. Vashisth

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तेरा इंतज़ार


राधा का ना हुआ कान्हा बनके दिलदार लड़के,
आंखे मेरी तरसें,ऐसा तो नहीं होता प्यार लड़के।

चाहत थी पागलपन की इश्क़ में मुझे,
तू निकला बड़ा ही समझदार लड़के।

तू  रौनके महफ़िल बना है हजारों की, 
हिस्से मेरे आया है तेरा इंतज़ार लड़के।

मैं तनहाईयों में भी खुश रह लूंगी हरपल,
वफ़ा निभाएंगे क्या तुझसे,तेरे यार लड़के।

ख़ुमारी भी अब रूठने लगी है मुझसे तो,
क्यों  तूने किया है इतना बेकरार लड़के ।


पुकार लो हमें तुम एक बार दिल से ,
दिल पर है तुझको ये इख्तियार लड़के।


मशरूफ बहुत है अपने ही इश्क़ में ' अंशु '
सब पर मिटे ऐसे नहीं मेरे संस्कार लड़के ।

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4 Comments

Bhartendra Sharma

21-Feb-2021 10:14 AM

बहुत उम्दा

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Dr. Vashisth

21-Feb-2021 11:01 AM

Thank you sir

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Author Pawan saxena

20-Feb-2021 09:10 PM

Bohut he behtreen Dr. Vashisht

Reply

Dr. Vashisth

21-Feb-2021 11:01 AM

thnx

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