sumansahay

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तन्हाइयां

अब तन्हाइयां अच्छी लगने लगी है..
मुझे तन्हा ही रहने दो।
क्या कहती है दुनियां अब प्रवाह नहीं मुझको।
जिसको जो कहना है कहने दो।
अब तन्हाइयां अच्छी……

भागदौड़ का वक्त जाता रहा।
बचपन गया जवानी गई।
अब समझने लगे हैं कुछ कुछ दुनियां को।
ख़ामोश रहने दो।
अब तन्हाइयां अच्छी….

मनोज एक दौर था।
बहुत भाग-दौड़ थी जिंदगी में।
हलचल थी, बेचैनी थी,
बेकरारी थी जिंदगी में।
अच्छा भी लगता था।
पर अब दिल कहता है बस,
रहने दो।
अब तन्हाइयां अच्छी..

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

04-Sep-2021 04:00 PM

वाह

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Miss Lipsa

04-Sep-2021 02:27 PM

Nice

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Swati chourasia

04-Sep-2021 02:16 PM

Very beautiful 👌👌

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