Add To collaction

गगन

गगन (प्रतियोगिता के लिए

रोला छंद


लेकर   मन  में आस, गगन में उड़ते रहिये।
करना है कुछ खास,भाव मन में ये रखिये।।
कुछ भी नहीं असाध्य, रखें संकल्प हमेशा ।
मिले सफलता हाथ, करें श्रम से जब पेशा।।

करें मनुज शुभ कर्म, सफलता सब मिलती है।
मरु भूमी में शुभ्र, कली अनुपम  खिलती है।।
मन निर्मलता खान, गात   हो स्वस्थ मनोहर।
वाणी में मधु व्याप्त, निहित संस्कार धरोहर।।

स्वप्न सजाये खास, पूर्ण हर हाल   में करिये ।
दिवा रात्रि हर काल, संग नित अपने रखिये ।
होते अवश्य पूर्ण, करें श्रम   मनुज  लगन से।
बहती सुख की धार, शांति तब मिले अगन से।।

इंद्रधनुष   के रंग, खिले   इस नील गगन  में।
खुशियों की सौगात, मिले सब भरे चमन में।।
आशाओं का दीप, तेल   विश्वास   सुघर कर।
पथ के प्रस्तर छांट, रखे निज पग समतल पर।

मिले कीर्ति हर ओर, छाप जग में पड़ जाये।
हो कोई   भी बात, नाम मुख बरवश आये।।
धरती अंबर दीर्घ, कथा    पीढ़ी    तक जाये।
कर्म करें जो आप, समीक्षा    अनुपम पाये ।।

स्नेहलता पाण्डेय  'स्नेह\

   15
6 Comments

Sachin dev

13-Dec-2022 04:55 PM

Nice 👌

Reply

Punam verma

13-Dec-2022 08:50 AM

Very nice

Reply

Abhinav ji

13-Dec-2022 07:52 AM

Very nice👍

Reply

Sneh lata pandey

13-Dec-2022 08:33 AM

Thanks a lot

Reply