लेखनी प्रतियोगिता -12-Dec-2022 गगन हो मेरी दुनिया
विषय-गगन
शीर्षक-गगन को बनाऊं मेरी दुनिया
आसमां की करनी है हमें उड़ान,
कल्पना की भरनी है भरान।
बन जाऊं मैं एक दिन परिंदा,
पूरा करू मैं अपना सपना।।
ना हो कोई बंदिशे,
खुल कर जियू सपने,
सपने ही है मेरे अपने,
यही है मेरी तमन्ना।
खुलकर जियू ये दुनिया,
सैर करू मैं पूरा जमाना,
आंखें देखे धरती माता,
देखी मुझे पूरी दुनिया।
छोड़ दुनिया की रीति रिवाज,
बन जाऊं मैं परिंदा आज,
बादलों के संग करूं ठिठोली,
बनकर रहूं मैं मनमौजी।
कभी तारों के बीच छुप जाऊं,
चांद सूरज से दोस्ती कर आऊं,
नभ को मैं अपनी दुनिया बनाऊं,
अपना आशियाना वही बनाऊ।
सभी रंग में मैं घुल जाऊं,
इंद्रधनुष मैं बन जाऊं,
बच्चों के मन को हर्षाऊ,
सबके दिल पर राज कर जाऊं।
आसमानों को लेकर भरू उड़ान,
आसमान की भरू ऊंची भरान,
प्रियंका लेकर चली सपनों का आगाज,
सपनों को लेकर चली करने साकार।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
स्वरचित है
राजीव भारती
13-Dec-2022 12:36 PM
जी बेहतरीन प्रस्तुति।
Reply
Punam verma
13-Dec-2022 08:50 AM
Very nice mam
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Abhinav ji
13-Dec-2022 07:51 AM
Very nice👍
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