किसान का करजा -13-Dec-2022

 
विषय - स्वैच्छिक 
शीर्षक -किसान को करजा 
विधा- गीत 

इंसान सें लड़ जइये, 
शैतान से लड़ जइये।
दुश्मन हो संसार तो,
हम संसार सें लड जइये।
गर रूठे भगवान तो, 
बोलो बोलो कहा कइये।

1- 
जे जनता के सेवक,
    जनता के रखवारे।   
सब लूट रये मिलकें ,
   अब जनता खो सारे।।

वेईमान सें लड़ लइये, 
बलवान सें लड़ लइये  ।
जब खायें खेत वारी, 
तो की सें जा कइये।

2-  
अरमान आज गिरवी, 
     सम्मान आज गिरवी। 
ईमान आज गिरवी, 
     इंसान आज गिरवी।

अपमान भी सै लइये, 
नुकसान भी सै लइये।
विश्वास में विष मिलवे,
 तो  कैसे भला सइये ।

3- 
जीवन की जे घडियां,
    हैं पल पल दुखदाई।
है इते कुआँ दिख रऔ, 
      और उते दिखे खाई।

अंजान खो ने दइये, 
अज्ञान खो ने दइये।
जैसी ई हमें  पीरा , 
ने कोऊ खो दइये।

विनोदी महाराजपुर

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1 Comments

Renu

14-Dec-2022 10:15 AM

👍👍

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