Add To collaction

सावन


माहिया छंद(प्रतियोगिता के लिए 

रिमझिम सावन आया
बूंदों की पायल
वसुधा को पहनाया।

हरियाली छाई है
 ये बरखा रानी
इठलाती आई है।

साजन अब आ जाओ
विरह अगन जलती
अब और न तड़पाओ।

मेरा लाल परांदा है
साजन रंगीला है
घोड़ी पर आंदा है।

नभ पर बदली छाई
काले केशों को
जब तूने लहराई।

ओढ़े चूनर धानी
प्रकृति वधू चलती
कुछ चालें तूफानी।

अंबर भेजे पानी
सुन वसुधा प्यारी
शीतल हो जा रानी।

स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'

   14
3 Comments

Abhilasha deshpande

14-Dec-2022 11:09 PM

Nice

Reply

Sachin dev

14-Dec-2022 03:55 PM

Well done ✅

Reply

Renu

14-Dec-2022 08:42 AM

👍👍

Reply