यारों की महफ़िल -14-Dec-2022

प्रतियोगिता

विषय - महफ़िल
विधा -गीत
शीर्षक -यारों की महफ़िल

यह मेरे यारों की महफ़िल।
मानों दिलदारों की महफ़िल।
जान से प्यारे जान हमारे,
है मेरे प्यारों की महफ़िल।
1-
दिल से हों दिलदार की बातें।
प्रान प्रिया से प्यार की बातें।
मेरी महफ़िल में ना होती,
कभी कोई बेकार की बातें।
कर्म शील है सारे साथी,
न है ये मक्कारों की महफ़िल।
2-
आके यहां गम भूल गए हैं।
व्हीस्की व रम भूल गए हैं।
यह भूल गए सारे शिकवे,
साकी सनम को भूल गए हैं।
और कोई अब नज़र न आता,
यह तो इज़हारोंं की महफ़िल।
3-
नहीं कोई के अंग भंग हो।
नहीं कोई के अंग -भंग हो।
बस इतना ही ध्यान में रखना,
नहीं किसी का रंग भंग हो।
मिलो प्रेम से सदा ही सबसे,
है यह त्यौहारों की महफ़िल।
4-
आओ हम सा हर्ष मनायें।
इसको हम प्रतिवर्ष मनायें।
कोई कम न कोई ज्यादा,
ऐसा कोई आदर्श बनायें।
घर घर में हो ख़ुशी विनोदी,
हरदम हो उपहारों की महफ़िल।

विनोदी महाराजपुर 

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2 Comments

Priyanka06

15-Dec-2022 07:17 PM

बहुत सुंदर प्रस्तुति

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Renu

14-Dec-2022 07:22 PM

Nice 👌

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