25) मधुमक्खी वाला हादसा ( यादों के झरोके से )
शीर्षक = मधुमक्खी वाला हादसा
ख़त्म होती इस प्रतियोगिता में एक और यादगार लम्हें को आप सब के साथ साँझा करने जा रहा हूँ, शीर्षक पढ़ कर आप सोच रहे होंगे ऐसा भी क्या यादगार लम्हा रहा होगा मधुमक्खीयो के साथ इन भाई साहब का जो कि ये उसे इस यादों के झारोखे में साँझा कर रहे है
तो बताता चलू वो लम्हा जिसमे हसीं भी थी और दुख भी उसे भुलाये नही भुलाया जा सकता इसलिए सोच रहा हूँ आप सब के साथ साँझा करता चलू
बात है 2002 या 3 के आस पास की हमारे एक रिश्तेदार की शादी थी , रिश्तेदार बहुत ही करीबी थे इसलिए हम सब चार दिन से वहाँ डेरा जमाये बैठे थे , और सारे प्रोग्रामो में शिरकत दे रहे थे
शादी ब्याह ही वो मौका होता ही जिसमे सब लोग एक साथ मिलकर खुशियाँ बाट ते है , वरना तो किसके पास समय है इस व्यस्त भरी जिंदगी में किसी का हॉल चाल जानने की और मिलने झुलने की
चलिए मुद्दे पर आते है , चार दिन शादी का आंनद लेने के बाद अब हमें अपने घर की और वापसी करना थी इसलिए सारा समान बांध कर रिक्शा में बैठ कर हम अपने घर जाने के लिए रोडवेज जा रहे थे ताकि बस पकड़ कर अपने घर जा सके , हँमारा घर वहाँ से 30 किलोमीटर दूर था जिसके लिए हमें रोडवेज़ जाना था
हम और हमारे परिवार के अन्य सदस्य रिक्शा में बैठे रोडवेज़ की तरफ बढ़ रहे थे , उस समय साइकिल की तरह चलने वाली रिक्शे होती थी और ऊपर से खुली होती थी अब तो टुक टुक चल पड़ी है जिसमे परदे भी लगे होते है
हम रिक्शा में बैठे, शादी में बिताये लम्हों की यादों में खोय हुए थे, सब लोग बैठे बाते कर रहे थे की तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसने सब को पागल ही कर दिया
हाईवे पर बने जंगल में बने मधुमखी के छत्तय को किसी ने तोड़ दिया था जिसके चलते वो मक्खीया बोरा गयी थी और अंधा धुन लोगो को काट रही थी जिसकी चपेट में हम लोग भी आ गए
ना जाने कितनी ही मधुमखियो ने उस दिन लोगो को काटा था , वो एक ख़तरनाक मंजर सा था लोग भागते नज़र आ रहे थे एक वक़्त को तो हमारे परिवार के सदस्य भी खो गए थे लेकिन खुदा का शुक्र था की सब मिल गए थे , बिलकुल क़यामत जैसा मंजर था सब लोग अपनी जान बचाने में लगे हुए थे
हम सब को भी बहुत काटा था मधुमक्खीयो ने, काफ़ी दिनों तक उनके डंक हमारे जिस्म से निकलते रहे थे, हमारे मामू का घर नजदीक ही था इसलिए हम जैसे तैसे करके उनके घर पहुचे जहाँ हमारा इलाज हो पाया, वो लोग भी हैरान हो गए हमें इस हाल में देख कर
जब उन्हें भी पता चला तो हमारे साथ उन्हें भी हसीं भी आ रही थी और अफ़सोस भी हो रहा था
ऐसे ही याद गार लम्हें को आपके साथ साँझा करने फिर आऊंगा तब तक के लिए अलविदा
यादों के झरोखे से
Abhilasha deshpande
15-Dec-2022 10:04 PM
Nice
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Sachin dev
15-Dec-2022 06:15 PM
Shandar 🌺
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