Pankaj Gupta

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लेखनी प्रतियोगिता -15-Dec-2022

नख सिख वर्णन



शोख़ बदन नयन कजरारी
ठोड़ी शोभे बिंदी प्यारी

कानन कुंडल लटकन भारी
शुक सदृश नासा संभारी

केश कमानी लटके झटके
बाल गाल पर नूर सा चमके

अधरों से रस मीठा टपके
देख मिठाई तन मन बहके

कंठ सुकंठ चेतन भव मारी
ऐसा चारु न देखहि नारी

नख चटकार चटक सी छोरी
नाजुक कली कलाई गोरी

संग उमंग भये शीतल छाया
गिरत होश देख पुलकित काया

हर रूप नवल सजल किशोरी
कामुक अदा बदन है कोरी

गोरा बदन नम घास सा छलके
अंग अंग अंगार सा दमके

देखी बदन तन मन हर्षाया
अंग अंग मदहोशी छाया

नाभि शोभत उदर मदहोशी
कामुक काया करहु बेहोशी

सजल अधर सरोज रसदारी
नरम वक्ष संग कसी उरोज संभारी

मीन कटि संग जघन कटारी
होश उड़ाये नितंब उभारी

पुष्प कली का पुष्प अछुअन
कशिश बदन पर नाजुक यौवन

मन देखन चाहे बारम्बारी
गज़ब देहन है पावक नारी

            
            ✍️पंकज गुप्ता

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11 Comments

Wahhh बहुत ही खूबसूरत Kya शब्द संयोजन और कल्पना है लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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ohhh my god..... i have no word for this stellar nd romentic poetry. :)

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Varsha_Upadhyay

16-Dec-2022 08:24 PM

शानदार

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