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लेखनी कहानी -16-Dec-2022-खिलोना

रेवती नाम की एक महिला जो ठाणे ला स्लम में रहती है. उसका कोई करीबी रिश्तेदार नहीं है. वह क्षेत्र में काम करते हुए स्व-नियोजित थी. एक दिन 10 साल की लड़की अपने घर आई तो मैं तुम्हें दादी कहूंगा। वह एक नई पोशाक लेकर आई और स्नान किया 


   उसने उसे पास रखा. उसे एक गाँव के स्कूल में फेंक दिया गया. वह होशियार थी. वह ⇢ थी. 10pas उसने दादी को बताया. मैं नर्स बनून रोगों की सेवा करना चाहता हूं.उसने अपनी नर्स के प्रशिक्षण को फेंक दिया training वर्ष प्रशिक्षण उसने लिया और पारित किया. उसे जल्द ही नौकरी मिल गई. वह पास के एक गाँव में पोस्ट कर रही थी. उसने दादी से कहा कि तुम मेरे साथ आओ, सुजाहिदीन ने दादी से कहा, वह रोई.


    मेरा कोई नहीं है. मैं निराधार हूं. तुच ने मुझे आश्रय दिया. मुझे आपकी सेवा करनी चाहिए. फिर रेवती का गठन किया गया. वह रेवती चली गई और सासवाड़ चली गई. वह इसमें गड़गड़ाहट थी. 2 साल हो गए थे. सासवाद का एक पाताल लड़का उसे पसंद करना चाहता था. उसने एक दिन उसे काम करने से रोक दिया और कहा कि तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो. मैं अपने ससुर में एक शिक्षक हूं. 


     उस लड़की ने कहा कि वह रेवती से मिलेगी. मिलिए उस लड़के से रेवती याला आया. रेवती ने उस लड़के के पते के बारे में सोचा. रेवती का पूरा हाइकट लड़के के पाल कान ना सा इंग्रिट ली की शरण मांग रहा था. 


       सच्चाई यह है कि रेवती को यह पता नहीं था. लड़की का अपहरण झा ले ने किया था. यह सिर्फ मुल्ला मा की रुचि थी. लेकिन यह रहस्य यह था कि वह लड़का सा इंगिट ले था. हालांकि, लड़का शादी करने के लिए तैयार था. उन्होंने शादी कर ली और वे दोनों गोविंदा ने जीने के लिए रन बनाए. 

  इस बीच, रेवती का अपना जीवन व्यतीत हु 

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1 Comments

Gunjan Kamal

17-Dec-2022 08:42 PM

बेहतरीन भाग

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