Rekha khichi

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कहानी क़िरदार की लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2022

वो कहते हैं कि हमने क़दर नहीं की रिश्तों की

हम तो जैसे ब्याज चुका रहे हैं किश्तों की

किस तरह से खुद को बार बार तार तार किया जाए
क्यों खुद से उनके सामने बेरोजगार किया जाए

तुम बात करते हो मन में जगह बनाने की
हमने तो कोई कसर नहीं रखी खुद को आजमाने की

आज मुझ पर सवाल उठाते हो
बात बात पर औकात की बात लाते हो

मगर सब्र रखना ऐ दोस्त वक्त सबका आता है
किसी को पहले रुलाता है तो किसी को रुलाकर हंसाता है

बदल गए हैं हम हमारे अपनों की मेहरबानी है
चोट खाकर आगे कदम रखना है
क्योंकि लिखनी ख़ुद की कहानी है

मेरी कहानी की कीमत समझना हर किसी के बस की बात नहीं
और तुम समझ सको मेरे किरदार को ऐसे तुम्हारे हालात नहीं।
रेखा खिंची ✍️😊
#पार्टियोगीय

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6 Comments

Sachin dev

19-Dec-2022 01:51 PM

Shandar 🌺

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Punam verma

18-Dec-2022 09:49 AM

Very nice

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Zakirhusain Abbas Chougule

17-Dec-2022 10:28 PM

Bahut khoob

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