Pankaj Gupta

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Dec-2022 #आंसू #प्रतियोगिता




सुनो!
आज गया था तुम्हारे शहर 
तुम्हे ढूंढने..
चलता गया उस भीड़-भाड़ वाली 
मार्केट के सड़को पर, 
जहां एक दफ़ा तुम्हे ड्राप किया था 
तुम्हारी फेवरेट स्कूटी से।

हर चेहरे को गौर से देखता रहा
हर चेहरे में तुमको तलाशता रहा
इस आश में कि कोई दिखे
तुम जैसा प्यारा सा चेहरा, 
पलट कर देखा 
कुछ चेहरों को कई बार 
'शायद तुम हो' सोच कर।

घंटो बैठा रहा तुम्हारे शहर में,
क्योंकि उस शहर की हवाओं में 
तुम्हारी खुशबू घुली हुई थी
तुम्हारा एहसास भरा पड़ा था।

एक जगह एकांत में बैठ कर 
मैं डूब गया था तुम्हारी यादों में
मानो मैं खुली आँखों से 
तुम्हारे सपने देख रहा था।

तुम्हारी तलाश और इंतजार में 
अपनी थकी हुई बहती आंखों को 
उसी मफलर से पोछ डाला 
जो तुम कभी पहना करती थी
और महसूस किया कि,
ये आंसू तुमने ही पोछा है।

            ✍️पंकज गुप्ता

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5 Comments

Wahhh Bahut hi भावनात्मक अभिव्यक्ति

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wa ji wah.... behtreen

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Punam verma

19-Dec-2022 09:35 AM

Very nice

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