लक्ष्य
आज हम आगे बढ़े
जीवन में कुछ करके चले।
आजादी देखो हमें मिली,
अपने सपने खुद हम चुने।
लक्ष्य अपना हम बना ले,
उसकी ओर कदम बढ़ा ले।
फिर सपनों की ओर चलें,
निकट मंजिल के हम तो बढे।
सपने पूरे अवश्य होंगे,
मेहनत से हम ना डरे।
मिली है देखो हमको आजादी,
अपने सपने खुद हम चुने।
आराम परस्त जो जीवन में,
मंजिल उनको दूर लगे।
सच की बाधाओं से डर कर,
लक्ष्य से अपने दूर हटे।
तूफानों से जो लड़ते हैं,
लक्ष्य पर नजर रखते हैं।
उनकी राह स्वयं बने,
सपने अपने खुद हम चुने।
बिना परिश्रम के तो देखो,
संभव नहीं है कुछ भी जग में।
गहन समुंदर में उतर कर,
सीप में से मोती है मिले।
हिम्मत, श्रम को जिसने छोड़ा,
समझो उसने हार मान ली।
ईश्वर कर्मठ के साथ सदा ही,
सपने चुनने की है आजादी।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Sachin dev
21-Dec-2022 04:58 PM
Superb
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Punam verma
21-Dec-2022 09:13 AM
Very nice
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Abhinav ji
21-Dec-2022 07:34 AM
Very nice👍
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