कबीर दास जी के दोहे
मन उन्मना न तोलिये, शब्द के मोल न तोल
मुर्ख लोग न जान्सी, आपा खोया बोल।।
अर्थ :
कबीरदास जी कहते हैं कि अशांत या व्याकुल अवस्था में किसी की कही हुई बातों का अर्थ नहीं निकालना चाहिए। ऐसी हालत में व्यक्ति शब्दों का सही अर्थ समझने में असमर्थ होता है। मूर्ख लोग इस तथ्य को नहीं जानते इसलिए किसी भी बात पर अपना संतुलन खो देते हैं।