पनाह
खुश हूं मिला कर निगाह तुझ से
है इश्क़ जो बे पनाह तुझ से
मै कुछ भी नहीं छुपाता हूं जी
मुझ को भी यही है चाह तुझ से
पाकीज़ा ये इश्क़ हो भी जाए
वो कर ले अगर निकाह तुझ से
ठुकरा दी फिर से बात मां की
फिर से हो गया गुनाह तुझ से
तू बात अमन की कर कभी तो
सब बोल दे वाह वाह तुझ से
(जफर सिद्दीकी)
(लखनऊ)
Swati chourasia
08-Sep-2021 03:37 PM
Very beautiful 👌
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Zafar Siddiqui
08-Sep-2021 03:40 PM
जी बहुत शुक्रिया आपका
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