खुदगर्जी
खुदगर्जी
हर किसी को खुदगर्जी से ज़रूर गुज़रनी पड़ती है,
जब खुद को अपनी दुनिया में बितानी पड़ती है।
आदत बन जाती है खुद से प्यार करने की,
खुदगर्जी में भी खुद को इज़्ज़त दिखानी पड़ती है।
जब तक खुदगर्जी न करोगे, कोई और तुम्हारी कदर नहीं करेगा,
खुदगर्जी से दूर रहने से तुम्हारी माया बढ़ेगी, सबकी नज़र में चमकेगा।
खुदगर्जी न करने की सीख लो दोस्तों,
खुदगर्जी दरिया है, जिसमें सब खो जाते हैं।
खुद को खोने से खुदगर्जी बढ़ती है,
इसे बचाने के लिए खुद को समझनी पड़ती है।
जिस दिन खुदगर्जी से मुक्त हो जाओगे,
उस दिन खुशी से आपका दिल भर जाएगा।
खुदगर्जी पर आधारित जीने की आदत को छोड़ दो,
खुद के साथ सबको खुश रखो, यह फरमान लो।
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
03-Jul-2023 11:46 PM
बहुत खूब
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Alka jain
03-Jul-2023 07:58 PM
Nice
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Abhilasha Deshpande
03-Jul-2023 11:14 AM
Awesome
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