लेखनी प्रतियोगिता -24-Dec-2022 आजादी का अरमान सजाया
विषय-पथ
शीर्षक-आजादी का अरमान सजाया
विधा-गीत
भारत मां का हूं मैं मतवाला,
वतन का हूं मैं रखवाला-३
आजादी का अरमान सजाया......
उस पथ पर है मुझको चलना-2
चुना है देश की रक्षा का पथ,
बहा देंगे देश के लिए रक्त,
सरहद पर लाएंगे अमन......
बनूंगा मैं देश के रक्षक।
भारत मां का हूं मैं पूत,
चुकाऊंगा मैं सूत,
माथे पर लगाकर धूल....
हरदम बढ़ता रहूंगा चाहे कितने हो शूल।
सूरज के शोलो से,
पथ के कांटो से,
कभी ना भूलूंगा प्रण....
निभाऊंगा मैं अपना फर्ज।
चाबुक मुझ पर चलालो,
फांसी पर चाहे लटका दो,
फड़की है जो ज्वाला...
ना बुझा पाओगे ओ गद्दारों।
रग-रग में दौड़ता है,
देशभक्ति का खून,
वतन के लिए जो जगा जुनून,
कभी ना होगा यह कम।
गोली से कर दो छलनी,
भारत मां है हमारी जननी,
हम न भूले तेरा मोल धरती,
हे वतन तेरे लिए जान बसती।
मर जाएंगे, मिट जाएंगे,
हवाओं में फरमान लिख जाएंगे,
खुद से जो किया है वादा वो निभाएंगे,
आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे।
भारत मां का हूं मैं मतवाला,
वतन का हूं मैं रखवाला-३
आजादी का अरमान सजाया......
सीताराम साहू 'निर्मल'
29-Dec-2022 04:38 PM
बेहतरीन
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Punam verma
25-Dec-2022 08:33 AM
Very nice
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Sushil Kumar Pandey
25-Dec-2022 07:39 AM
🙏अति सुन्दर रचना है 🙏
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