Add To collaction

दोस्ती

ये कहानी है  प्रिया और आकाश की बेटी जान्हवी की।जान्हवी जो नौ साल की बच्ची है और जिसे प्यार से सब जानू बुलाते हैं।गोरा सा गोल मटोल चेहरा और उस पर घुंघराले बाल, जानू किसी किड्स मॉडल जैसी लगती है।
      आकाश एक कॉलेज में प्रोफेसर  है, प्रिया घर पर ही बच्चों की ट्यूशन पढ़ाती है।डांस में रूचि होने के कारण पिछले दो सालों से जानू भरतनाट्यम सीख रही है।वहाँ सब लोग उसे बहुत प्यार करते हैं और वहाँ उसकी हम उम्र कई बच्चियां डांस सीखती है।जिनमें गौरी से उसकी सबसे अच्छी दोस्त है।जिस कॉलोनी में जानू का घर है, उसी के गेट के पास गौरी के पापा की छोटी सी लॉन्ड्री की शॉप है और माँ साड़ी पिको फॉल करती  है।
       पर गौरी ने कई दिन से डांस क्लास आना बंद कर दिया है तो जानू भी चुपचुप सी रहती है।उसकी जिद पर प्रिया उसके साथ गौरी के घर गई।
गौरी के घर जाने पर पता चला किउसकी तबीयत ठीक नही है ।पूछने पर गौरी की माँ ने बताया कि कुछ दिन से गौरी पेट दर्द से परेशान थी ,डॉ. को दिखाया तो पता चला उसकी आंत में बड़ी सी गांठ हो गई है जिसके लिये ऑपरेशन का कहा है।यह बताते हुए गौरी की माँ को रोना आ गया।बोली डॉ.ने 1.25लाख का खर्च बताया है।इसके पापा भी बड़े परेशान हैं हम इतना पैसा कहाँ से लाएंगे। ये अच्छा नाचती थी इसलिये इसको डांस वाली दीदी भी कम पैसो में सिखाती थी।हम तो अपना सब बेच दें फिर भी 70-80हजार से अधिक का इंतजाम नही कर पाएंगे।ये अपने एक दोस्त के साथ पार्षद जी के पास मदद मांगने गए हैं।डॉ.ने 15 दिन का समय दिया है । कहते हुए मायूसी से आंसू पोछने लगी।उन्हें दिलासा देकर प्रिया और जान्हवी घर आ गए।पर दोनों ही बहुत उदास थे।
घर आकर प्रिया ने आकाश को सब हाल बताया।जानू ने पापा की गोद में आकर बोला पापा क्या हम गौरी की मदद नही कर सकते ।यह सुनकर आकाश सोच में पड़ गया।
      अगले दिन जान्हवी की डांस टीचर का फोन आया कि शरद पूर्णिमा के दिन क्लासिकल डांस कॉम्पिटिशन होने वाला है।जिसके लिये मैं जान्हवी और कुछ अन्य बच्चो के नाम भेजना चाहती हूँ।आपकी स्वीकृति चाहिए।जीतने वाले ग्रुप की हर डांसर को राज्य सरकार की ओर से 2 हजार का पुरस्कार, स्मृति चिन्ह एवं सर्टिफिकेट मिलेगा।प्रिया मान गई।
यह सारी ज़बातें जान्हवी भी सुन रही थी।जब शाम को वह डांस क्लास गई तो उसने डांस ग्रूप की सभी लड़कियों और टीचर को गौरी के हालात के बारे में बताया और पूछा कि टीचर जी क्या हम सब अपने हिस्से के पैसे गौरी के ऑपेरशन के लिए  नही दे सकते हैं?
इतनी कम उम्र में जान्हवी की संवेदना देखकर टीचर ने उसके सिर पर स्नेह से हाथ फेरते हुए इस बारे में आप सब अपनी मम्मा से बात करना,ऐसा कहा।
    टीचर जी ने सब बच्चों को नर्मदाष्टक-नमामि देवी नर्मदे पर सुन्दर नृत्य सिखाया।एक सप्ताह के कठोर अभ्यास के बाद आज शरद पूर्णिमा का दिन भी आ गया।
शाम 4 बजे सभी बच्चों को तैयार होकर बस से आयोजन स्थल के लिये निकले। सबके पेरेंट्स भी अपनी अपनी गाड़ियों से पहुँचे।मंत्रीजी एवं समाजसेवी संगठनों के अध्यक्ष भी कार्यक्रम में शामिल होने आये थे।कार्यक्रम शुरू हुआ।अलग अलग जगह से आये डांस ग्रुप ने प्रदर्शन किया।पर नर्मदाष्टक पर किया गया नृत्य सबसे अधिक पसंद किया गया और प्रथम पुरस्कार विजेता बना।
  जब उनके ग्रुप को स्टेज पर बुलाया गया तब प्राइज़ लेने के बाद जान्हवी ने कार्यक्रम के होस्ट से कुछ कहने की अनुमति ली और माइक हाथ में लेकर सभी का अभिवादन किया और अपनी फ्रेंड गौरी के बारे में बताकर उसके लिये अपनी अपनी क्षमता के अनुसार सहायता करने का अनुरोध किया।सबको उसके विचार जानकर ख़ुशी हुई।सबने उसकी जज़्बे की सराहना की और सहयोग भी किया।उसके डांस ग्रुप की सात लड़कियों ने भी अपनी इनाम राशि गौरी के ऑपरेशन के लिये दे दिए।इस प्रकार लगभग 20 हजार रूपये इकट्ठे हो गए।शरद पूर्णिमा के कार्यक्रम के समय मौजूद मीडिया कर्मियों ने अखबारों में जान्हवी की फोटो के साथ पूरी खबर भी छापी जिससे कई संगठनों एवं लोगों ने ऑपरेशन के रुपये कलेक्ट करके दिए।।उधर गौरी के पिता ने भी क्षेत्र के पार्षद से सहायता मांगी तो 30 हजार रुपये का प्रबंध वहाँ से भी हो गया।

गौरी के माता पिता ने जान्हवी को बहुत आशीर्वाद दिए।गौरी का सफल ऑपरेशन हुआ जिसमे उसकी आंत से गांठ निकाली गई,गौरी को नया जीवन मिला और कुछ दिन बाद दिवाली के दिन गौरी हॉस्पिटल से घर आई।और 1 माह के आराम के बाद उसने डांस स्कूल जाना शुरू किया।आज फिर वो और जान्हवी साथ डांस सीख रहे थे और उनकी दोस्ती पहले से ज्यादा मजबूत हो गई थी।

प्रीति ताम्रकार, जबलपुर(मप्र)

   6
5 Comments

Diwa Shanker Saraswat

10-Sep-2021 08:08 PM

बहुत सुंदर कहानी

Reply

🤫

09-Sep-2021 08:05 PM

सुंदर...रचना।प्रीति जी...

Reply

Swati chourasia

08-Sep-2021 06:44 PM

Very beautiful 👌

Reply