मैं भी सांता क्लॉज लेखनी प्रतियोगिता -25-Dec-2022
मैं भी सांता क्लॉज
क्रिसमस डे को सुबह सवेरे
मैं भी निकला बन ठन कर
सांता क्लॉज के कपड़े पहन
चलने लगा झूम झूम कर
पीठ पर लिया बड़ा सा थैला
खिलौने रख लिए भर भर कर
लंबी दाढ़ी पर हाथ फेरते
मैं चला बच्चों की डगर
पहुँचा क्रिसमस पार्टी में जब
बच्चों की तैयारी थी जमकर
मुझे देखते दौड़ पड़े सब
सांता सांता बोल बोल कर
मेहनत का हर काम किया पर
उपेक्षा मिलती थी मुझको दर दर
बच्चों ने सर आँखों पर बिठाया
खिले थे चेहरे उनके मुझे पाकर
मिले थे पैसे भूखे पेट भरने भर
खुशियाँ मिली थी दिल खोलकर
ऐसी ही खुशियाँ घर बाँटने को
निकला वहाँ से झोली समेटकर
शाम को जब मैं घर लौटा
उछल पड़े बच्चे मुझे देख कर
दौड़ कर मुझे गले लगाया
मेरे पापा मेरे सांता कह कर
खुशी मेरी मायूसी में तब बदली
थैला था खाली पहुँचते-पहुँचते घर
पोंछ कर मेरे आँसू बच्चों ने कहा
पापा आप हमारे सांता सालों भर
सभी प्यारे सांता की यही कहानी
खुशियाँ देते अपने गम भूल कर
बच्चों की एक हँसी की खातिर
नहीं देखते अपनी जेबें टटोलकर
- आशीष कुमार
मोहनिया, कैमूर, बिहार
सीताराम साहू 'निर्मल'
29-Dec-2022 04:25 PM
शानदार
Reply
Ashish Kumar
30-Dec-2022 08:24 AM
जी बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय 🙏🙏
Reply
Sushi saxena
26-Dec-2022 12:28 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
Reply
Ashish Kumar
26-Dec-2022 10:02 AM
जी तहे दिल से शुक्रिया
Reply
Sachin dev
25-Dec-2022 06:54 PM
Superb 👌
Reply
Ashish Kumar
25-Dec-2022 10:16 PM
Thank you so much
Reply