Add To collaction

इश्क मना रहे हैं!

देखो जी, आंखो में प्यार से
फिर लगा कि, ये दिल जला रहे हैं
गम हद पार कर सारी,
खंजर बोकर, इश्क मना रहे हैं।

मोहब्बत की बातें सारी झूठी हैं
आग दिल में लगी, धड़कने रूठी हैं
आस पराई लिए बैठा ये मन
बेपरवाह, वो क्या जाने इसकी अगन
जलाए दिल को, रुलाए दिल को
हम बैठे खुद प्यार के सुना रहे हैं।
देखो जी, आंखो में प्यार से
फिर लगा कि, ये दिल जला रहे हैं
गम हद पार कर सारी,
खंजर बोकर, इश्क मना रहे हैं।

अजी छोड़ो ना वफा, वफा कैसी?
दिल जला नहीं तो ये धुआं कैसे?
लग जाने दो इसका कोई जवाब नहीं
टूट के कितना बिखरे, हिसाब नहीं
बह गए हैं सारे अरमान इधर
खुद को किसी तरह इससे बचा रहे हैं
देखो जी, आंखो में प्यार से
फिर लगा कि, ये दिल जला रहे हैं
गम हद पार कर सारी,
खंजर बोकर, इश्क मना रहे हैं।

कैसी मोहब्बत? महबूब कैसा
इश्क के नाम पर फरेब, झूठ ऐसा
सुने हैं जबसे किस्से इन इश्कवालो के
डर लगता है कैसे ये दिल संभालोगे
पास आने का मन है बहुत
मगर हम जानते हैं ये झूठे बहला रहे हैं
देखो जी, आंखो में प्यार से
फिर लगा कि, ये दिल जला रहे हैं
गम हद पार कर सारी,
खंजर बोकर, इश्क मना रहे हैं।

इश्क अगर सच्चा यहां
दिखाना जरा किसी का यहां
काहे हमको फरेबी तू दुख देना चाहें
काहे जान हमारी, जीते जी लेना चाहें
हम तो जाने हैं तेरी चालबाजियां सारी
इसलिए खुद को दूर तुझसे ले जा रहे हैं
देखो जी, आंखो में प्यार से
फिर लगा कि, ये दिल जला रहे हैं
गम हद पार कर सारी,
खंजर बोकर, इश्क मना रहे हैं।

#MJ
मनोज कुमार "MJ"

   4
1 Comments