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दिल-ए-नादान

मेरे सीने में, तू धड़कता बहुत है,
दिल-ए-नादान तड़पता बहुत है।
छन्नी कर दिया ग़म-ए-फुरक़त ने,
तू रफ़्ता रफ़्ता, तड़कता बहुत है।।

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8 Comments

बहुत ही सुंदर

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Sachin dev

30-Dec-2022 04:14 PM

OSm

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शानदार

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nikksinghnikhil

29-Dec-2022 08:23 AM

जी शुक्रिया आपका

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