Madhu Arora

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जीवन

जीवन एक समुन्दर

जीवन एक बवंडर है,
तूफानों का समंदर है।
चलना चाहूं बचकर भी,
एक लेखक  मेरे अंदर है।

भावों का वह श्रृंगार करें,
मन ही मन में बात करें।
कहने पर मुझे विवश करें,
एक लेखक है  अंदर मेरे।

सांसो के साथ वह चलता,
मेरे रोके कभी ना रुकता।
सभी संयम संतोष लिखें,
देश प्रेम पर वह लिखता है।
           रचनाकार ✍️
           मधु अरोरा

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4 Comments

Nice lines

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Muskan khan

30-Dec-2022 05:15 PM

Well done

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Renu

30-Dec-2022 07:56 AM

👍👍🌺

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